जनहित में एक सौ पचास मीटर सड़क का निर्माण कराने के लिए सैकड़ों लोगों ने भागीरथपुर रेलवे स्टेशन के समीप किया धरना प्रदर्शन
यह ज़िंदगी की राह है, केवल सड़क नहीं—नागेंद्र शुक्ला
नौतनवा,महराजगंज। गोरखपुर-नौतनवा रेलखंड पर स्थित भगीरथपुर रेलवे स्टेशन तक बनाई जा रही 1200 मीटर लंबी सड़क का अंतिम 150 मीटर हिस्सा अधूरा छोड़ दिए जाने से क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त है। मुख्य पक्की सड़क से संपर्क न हो पाने के कारण यह सड़क जनता के किसी काम की नहीं रह गई है। इसी को लेकर सोमवार को ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया और किसान नेता एवं अधिवक्ता नागेंद्र शुक्ला के नेतृत्व में क्रमिक अनशन की शुरुआत की गई।
किसान नेता नागेंद्र शुक्ला ने पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक को पत्र भेजकर जल्द से जल्द शेष सड़क निर्माण की मांग की है। उनका कहना है कि बिना मुख्य सड़क से जुड़े यह निर्माण केवल कागज़ी विकास रह जाएगा। उन्होंने बताया कि रेलवे ने स्टेशन क्षेत्र में दोनों ओर बैरीकेडिंग कर दी है, जिससे टिकट घर तक पहुँचना भी कठिन हो गया है।
रेलवे प्रशासन ने पहले ढाला संख्या 28C से सड़क को जोड़ने का वादा किया था, लेकिन वह कार्य भी अधूरा पड़ा हुआ है।
मौके पर भारी पुलिस बल तैनात-सीनियर सक्शन इंजीनियर इसरार अहमद,रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) नकहा रेलवे बल के इंस्पेक्टर अमर नाथ,नौतनवा रेलवे पुलिस बल,कोल्हुई थाने की पुलिस और एकसड़वा चौकी इंचार्ज सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहे। प्रशासन की ओर से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी सतर्कता बरती गई।
सामाजिक प्रतिनिधियों की रही सक्रिय भागीदारी-क्रमिक अनशन के दौरान गुजरौलिया ग्राम प्रधान प्रेम सागर यादव, अयोध्या विश्वकर्मा, समाजसेवी संत लाल गौड़, विशकोष गुप्ता, सतीश यादव, इब्राहीम खान, आबिद खान,गुड्डू यादव, तथा डॉ. सुरेंद्र नाथ चतुर्वेदी सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
किसान नेता नागेंद्र शुक्ला ने कहा यह केवल 150 मीटर सड़क नहीं है, यह हज़ारों ग्रामीणों की ज़िंदगी की राह है। स्कूली बच्चे, बुज़ुर्ग, महिलाएं और यात्री रोज़ाना परेशानी झेल रहे हैं। अधिकारियों को कई बार जानकारी दी गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
रेलवे अधिकारियों ने मौके पर पहुँचकर प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और समाधान का आश्वासन दिया। इसके बाद शुक्ला ने अनशन को फिलहाल स्थगित करने की घोषणा की पर चेतावनी दी कि यदि समय पर समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा। उन्होंने अंत में कहा यदि मांगें पूरी नहीं होतीं तो मैं आत्मदाह जैसे कदम के लिए भी तैयार हूँ। जनता की सेवा के लिए हर क़दम उठाऊँगा।
ग्रामीणों की मांग है कि यदि यह सड़क चैनपुर, सेमरहिया, भुकुड़वा, पकड़डीहा और महदेवा जैसे गाँवों से जुड़ जाए तो यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी और रेलवे को भी राजस्व में वृद्धि होगी।
