*पांच लाख बच्चों को पिलाई जाएगी पल्स पोलियो की दवा*
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अर्जुन यादव
ब्यूरो देवरिया
*देवरिया:* जिले में पल्स पोलियो अभियान का सीडीओ शिव शरणपप्पा जीएन ने रविवार को सीएमओ कार्यालय में फीता काटकर और बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाकर आगाज किया। पहले दिन जिले भर में बनाये गये 1759 बूथों पर बच्चों को ‘‘दो बूंद जिंदगी की’’ दी जाएगी । एक फरवरी से स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर पांच साल तक के बच्चों को दवा पिलाएगी। अभियान के दौरान कुल करीब पांच लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य है। अभियान का शुभारम्भ करते हुए सीडीओ शिव शरणप्पा जीएन ने कहा भारत में पोलियो का आखिरी मामला 13 जनवरी 2011 को कोलकता में पाया गया था। इसके बाद से कोई भी केस पुष्ट नहीं हुआ है, बावजूद इसके लगातार पल्स पोलियो अभियान चला कर पूर्ण प्रतिरक्षण कराया जा रहा है। जब तक पड़ोसी देशों में पोलियो का पूरी तरह से उन्मूलन नहीं हो जाता है तब तक इस अभियान के प्रति सभी को गंभीर रहना होगा। सीएमओ डॉ आलोक पाण्डेय ने कहा बूथ दिवस के बाद दूसरे दिन से कुल 944 टीम क्षेत्र में भ्रमण कर बच्चों को पोलियो की खुराक देंगी। इस बार 480991 बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाने का लछ्य है|जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ सुरेंद्र सिंह ने कहा शासन की मंशा के अनुसार इस वायरस से शत-प्रतिशत प्रतिरक्षण हमारा लक्ष्य है। जिले में पोलियो का कोई केस नहीं है, फिर भी एहतियात रखना होगा। उन्होंने बताया कि अभियान में विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनीसेफ और यूएनडीपी संस्थाएं विशेष तौर पर सहयोग कर रहे हैं। अभियान 31 जनवरी से तीन फरवरी और छह व सात फरवरी को चलेगा। चार व पांच फरवरी को कोविड वैक्सीनेशन के कारण इस दिन अभियान नहीं चलाया जायेगा|छूटे हुए बच्चों के लिए बी टीम नौ फरवरी को क्षेत्र में निकलेगी । इस अवसर पर एसीएमओ बीपी सिंह, एसीएमओ संजय चंद, एसीएमओ राजेंद्र प्रसाद, यूनिसेफ के डॉ हसन फईम, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ अंकुर, यूएनडीपी के वीसीसीएम भुनेश्वर शर्मा, अपर शोध अधिकारी राकेश चंद्र , प्रमोद यादव, विश्वनाथ मल्ल, अखिलेश, मुकेश मिश्रा, एएनएम अर्चना सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
कोविड प्रोटोकॉल का होगा पालन
सीएमओ डॉ आलोक पाण्डेय ने कहा इस बार का अभियान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चलाया जाएगा । महिला एवं बाल विकास विभाग (आईसीडीएस) भी अभियान में सक्रिय सहयोग करेगा।
*पहले दिन 1759 बूथों पर बच्चों को दी गई ‘‘दो बूंद जिंदगी की’’एक फरवरी से घर-घर जाकर पांच साल तक के बच्चों को पिलाई जाएगी दवा*