*पति दीर्घायु की कामना के लिए सुहागिनें रखती हैं करवा चौथ का व्रत

*पति दीर्घायु की कामना के लिए सुहागिनें रखती हैं करवा चौथ का व्रत*
*@करवा चौथ पूजन आज, रात्रि 7: 40 पर चंद्रोदय,दिया जाएगा अर्घ्य*

    सिद्धार्थनगर -करवा चौथ का व्रत सौभाग्यवती महिलाओं के लिए बेहद खास महत्व रखता है। पौराणिक मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही पति-पत्नी के रिश्ते में मधुरता आती है।


     आचार्य दिलीप पाण्डेय के अनुसार कार्तिक माह में पड़ने वाला करवा चौथ का व्रत,पर्व इस बार 20 अक्टूबर,दिन रविवार को पड़ रहा है।पौराणिक मान्यता है कि इस दिन विधि अनुरूप व्रत तथा पूजन करने वाली सुहागिनों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।पति के सकुशलता के लिए ही करवा चौथ का व्रत सुहागिनें रखती हैं। पूजन के दौरान व्रत कथा का पाठ न करने से साधक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित हो सकता है।
*पौराणिक कथा*


  करवा चौथ का व्रत महाभारत काल से जुड़ा है। मान्यता है कि सबसे पहले द्रौपदी ने यह व्रत रखा था,भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें पांडवों की रक्षा के लिए इस व्रत को करने का सुझाव दिया था। इस व्रत के प्रभाव से पांडवों पर कोई संकट नहीं आया।इसी कारण आज भी हर सुहागिन स्त्री अपने पति के लंबी उम्र, सुस्वास्थ्य व सुख-समृद्धि के लिए यह व्रत रखती है !



*एक अन्य पौराणिक कथा*
एक द्विज नामक ब्राह्मण था। उसके सात बेटे व वीरावती नाम की एक कन्या थी।विवाहित वीरावती ने एक बार मायके में रहते हुए करवा चौथ का व्रत रखा। उन्होंने व्रत के दौरान अन्न और जल का सेवन नहीं किया, जिसकी वजह से वीरावती को काफी परेशानी हुई,ऐसे में उसके परेशान भाइयों ने गांव के बाहर वट के वृक्ष पर एक लालटेन जला दी और अपनी बहन से कहा कि चन्द्रमा निकल आया है, अ‌र्घ्य दे दो।अ‌र्घ्य देने के बाद वीरावती भोजन / पारण करने के लिए बैठी तो पहले निवाले में बाल निकला,दूसरे निवाले में छींक आई और तीसरे निवाले में ससुराल से बुलावा आ गया। वीरावती जब ससुराल पहुंची,तो वहां उसके पति की मृत्यु हो चुकी थी।ऐसा देख वीरावती बिलख बिलखकर रोने लगी,
उसी समय इंद्राणी ने वीरावती से कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का व्रत करने के लिए कहा।इंद्राणी के कहने पर वीरावती ने विधिपूर्वक व्रत किया। व्रत के पुण्य-प्रताप से वीरावती के पति को पुन: जीवन प्राप्त हुआ,तभी से पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत करती है।इस व्रत से पति को दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है।उसी परंपरा को आज भी निभाया जा रहा है।


*चंद्रमा के दर्शन का समय*
इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर को होगा, जिसमें चंद्रदेव के उदय होने का समय रात 7 बजकर 40 मिनट पर होगा और इसी समय व्रती स्त्रियाँ चन्द्रदेव को अर्घ्य देकर विधिपूर्वक पूजन कर अपने व्रत का पारण कर सकेंगी।
 
जिला संवाददाता-‌ मोहम्मद अयूब सिद्धार्थनगर।

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