*भक्तों का भाग्य पलटने वाली माँ प्लटा देवी*
सिद्धार्थनगर। चिल्हिया रेलवे स्टेशन से करीब सात किलोमीटर दूर स्थित महाभारत कालीन ऐतिहासिक महत्व का माँ प्लटा देवी मंदिर भक्तों के बिगड़े भाग्य को पलटकर उन्हें सुख समृद्धि प्रदान करने वाले शक्तिपीठ के रूप में पूरे देश में विख्यात है।
मान्यता के अनुसार अपने भाइयों के साथ एक वर्ष का अज्ञातवास काट रहे युद्धिष्ठर ने विराट की तरफ से युद्ध कर मल्ल राजाओं व दुर्योधन को पराजित करने के बाद उक्त मंदिर स्थल पर मुकुट समर्पित करते हुए पुनः राज्य प्राप्ति की और देवी स्थापना व पूजन किया। जिसके फलस्वरूप उन्हें पलटकर राज्यप्राप्ति, यश, कीर्ति की प्राप्ति हुई। तभी से आमजनमानस में उक्त स्थल को माँ पलटा देवी के रूप में ख्याति मिली। बनवास का 12 वर्ष व्यतीत करने के बाद पांडवों को एक वर्ष का अज्ञातवास बिताना था। इसी चिंता से ग्रस्त पांडव उक्त स्थान पर रात्रि निवास किये। स्वप में देवी माँ ने उन्हें मार्गदर्शन देते हुए समी के वृक्ष पर अपना अस्त्र शस्त्र रखकर राजा विराट के यहाँ जाने को कहा।
त्रैमास के शुक्लपक्ष, और आषाढ़ में नवरात्र पर्व पर दूरदराज से लोग भारी संख्या में माँ पलटा देवी का दर्शन करते आते हैं। विशेष नवरात्र में लोग माँ को चुनरी, फूल, मिष्ठान, ध्वजा, नारियल चढ़ाकर देवी माँ की पूजा अर्चना करते हैं और मनोवांक्षित फल प्राप्त करते हैं। इसका पर्यटकीय विकास किया जा रहा है। यह सिद्धि स्थल बन चुका है। अब तो लोग रोजाना पूजा अर्चना करने भारी संख्या में पहुँचते है।
जिला संवाददाता- मोहम्मद अयूब सिद्धार्थनगर।