प्रदेश से लेकर केंद्र सरकार देश व प्रदेश में हरियाली के बन विभाग से लेकर शहर व गांव में करोड़ों करोड़ रूपए प्रति वर्ष खर्च हो रहा है । जिससे प्राकृतिक पर्यावरण सुरक्षित रहे । लेकिन वर्ष भर में हुए पौधरोपण सुरक्षित तो रह नहीं पा रहा है ।वहीं दूसरी तरफ जो पर्यावरण को सुरक्षित रखें है जंगल उसे भी अवैध तरीके से बनमाफिया कटान कराकर उठा ले जा रहे बनविभाग को भनक भी नहीं लग पाता है अगर लग भी जाता है तो कोरम्मपुर्ण कार्रवाई कर पीछा छुड़ा लेते हैं ।ऐसे में आखिर कैसे सुरक्षित रहेगा राष्ट्रीय बनसंपदा जो सवालों के घेरे में है?
शुक्रवार को रात्रि में कैंपियरगंज रेंज के जंगल में अबैध तरीके से मोटे सांखू के पेड़ का कटान कर 12 बोटा मोटा सांखू का पिकअप पर लद गए। कैंपियरगंज बन विभाग व सुरक्षा कर्मियों को पता तक नहीं चला।
किसी बन विभाग के उच्चाधिकारियों को सूचना दे दिया। लेकिन उच्चाधिकारियों ने कैंपियरगंज रेंजर को सूचना न देकर बल्कि फरेंदा रेंजर को दे दिया। फरेंदा रेंजर सांखू का बोटा लदा पिकअप को पकड़ना तो चाहा । लेकिन चालक के रफ्तार के सामने रेंजर के वाहन चालक का रफ्तार कम पड़ गया।हार मान कर फरेंदा रेंजर पुरंदरपुर एसओ पुरूषोत्तम को सूचना दे दिया।
पुरंदरपुर एसओ पुरूषोत्तम राव अपने हमराहियों संग संदिग्ध वाहन व ब्यक्तियो की जांच कर रहे थे।उसी बिच तेज रफ्तार से पिकअप चालक आता हुआ दिखाई दिया।जिसे पुरंदरपुर पुरुषोत्तम राव के हमराहियों ने दबोच लिया। स्थानीय थाना पर लाकर पुछताछ कर पिकअप चालक समेत लकड़ी व पिकअप पर कार्रवाई कर केस दर्ज कर दिया।
ऐसे में वन विभाग के प्रभागीय वनाधिकारी गोरखपुर व बनक्षेत्राधिकारी कैंपियरगंज के लिए निकलता है प्रथम दिन शनिवार को पहला सवाल,आखिर कैंपियरगंज जंगल में मोटा सांखू का पेड़ कटाने वाला कौन ब्यक्ति है?
12 बोटा मोटा सांखू का कीमती बोटा किस आरामशीन पर जाता और कहा होता चिरान?आखिर पिकअप चालक कैंपियरगंज गोरखपुर व आनंदनगर महराजगंज, आनंदनगर बृजमनगंज सड़क को छोड़कर फरेंदा कोल्हुई हाईवे का ही मार्ग क्यों चुना?
आखिर बन विभाग कब पंहुचेगा अवैध चिरान करने वाले आरामशीन व जंगल में अवैध तरीके से मोटे सांखू के पेड़ कटाने वाले प्राकृतिक बनसंपदा व हरियाली के दूश्मन के पास?
इस संबध में बन क्षेत्राधिकारी कैंपियरगंज प्रमोद कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि पुरंदरपुर पुलिस ने पकड़ा है । कार्यवाही हुआ है ।मामले में जांच चल रहा है।