क्षेत्र के एक ग्राम पंचायत में पीडब्ल्यूडी विभाग के सड़क के सटे जिला पंचायत की बजट से बन रहा है नाला।नाला की पानी नाला में ही जमाव करेंगे ठेकेदार समेत जिम्मेदार अधिकारी या पानी जमाव के लिए कोई तालाब में गिराएंगे।जिसे लेकर चौराहा पर चर्चा बना है की आखिर कहां निकालेंगे नाला की पानी ।
जिला पंचायत की बजट से नाला निर्माण को लेकर समरधीरा वासी अब्दुल्ला मंजरी समेत भूस्वामी के द्वारा बताया गया की सड़क लगभग 13 फूट है राजस्व अभिलेख में। लेकिन पीडब्ल्यूडी पहले ही लगभग 18फूट से ज्यादा सड़क बना है ।हम लोगो के निजी जमीन पर ।उसके बाद हम लोग अपने रिहायशी आवास के सामने दरवाजा के लिए जमीन छोड़कर मकान निर्माण किए थे । जिससे दरवाजा पर जमीन सुरक्षित रहे व हम लोग अन्य कार्य कर सकें ।
लेकिन ठेकेदार के द्वारा जेसीबी मशीन से निजी जमीन पर नाला निर्माण के लिए खोदाई कर टैक्टर ट्राली मिट्टी को अन्यत्र उठा ले गया।जब की दरवाजा पर मिट्टी को गिरा कर पाटा गया था । जिससे दरवाजा साफ साफ दिखे । उपरोक्त ने यह भी कहा की जिला पंचायत के किसी भी जिम्मेदार अधिकारी व ठेकेदार ने यह जानने की कोशिश नहीं किया की नाला निर्माण के लिए निजी जमीन पर खोदाई हो रहा है या सार्वजनिक जमीन पर ।
इतना ही नहीं है समरधीरा के लोगों का कहना है मुख्य सड़क पर पतला नाली पहले से बना है ।जब की यहां दूसरे का निजी जमीन पा गए तो जिला पंचायत का बजट खपत करने के लिए नाला का निर्माण करा रहे हैं । लेकिन नाला का पानी कहां निकालेंगे।जगह निश्चित नहीं है कहीं तालाब भी नहीं है । जिससे नाला में पानी का जल जमाव भी हो सकता है ।
नाला के निर्माण में सफेद बालू से लोकल सीमेंट से हो रहा ढलाई:मानक का बिना बोर्ड लगाए निर्माण करा रहा कार्यदाई संस्था।अगर मटेरियल व नाला निर्माण में लंबाई चौड़ाई का लगता बोर्ड कहा से कहा नाला का होगा निर्माण व मटेरियल का मानक क्या है ?तो गुणवत्ता का चलता पता। गुणवत्ता को छिपाने के लिए कार्यदाई संस्था नहीं लगाया निर्माण कार्य का बोर्ड
वहीं इस संबध में जिला पंचायत जेई का कहना है कि क्षेत्र के सदस्य के द्वारा नाला निर्माण के लिए प्रस्ताव दिया गया था ।जिस पर निर्माण कार्य चल है ।जेई दुर्गावती का यह भी कहना है निजी भूस्वामी भी नाला निर्माण के लिए बात हुआ है तब जाकर निर्माण हो रहा है।