गजेन्द्र नाथ पांडेय पूर्वांचल बुलेटिन निष्पक्ष खबर अब तक
महराजगंज, 12 फरवरी 2024, विकास भवन सभागार में आज पशु अधिकारों और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के संदर्भ में आज पशु चिकित्साधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन विकास भवन सभागार किया गया।
कार्यशाला में पशु अधिकार कार्यकर्ता और पीपुल फॉर पब्लिक पॉलिसी की एनिमल वेलफेयर एसोसिएट्स सुरभि त्रिपाठी ने सभी पशुचिकित्साधिकारियों को पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के धारा 11(1), 12, 13, 32 (2), 34 सहित विभिन्न प्रावधानों के विषय में अवगत कराया। उन्होंने भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 428, 429, 377 के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। इसके अलावा कार्यशाला में जानवरों के परिवहन नियमावली 1978 और खाद्य सुरक्षा एवं मानक नियमावली सहित विभिन्न जानवरों से संबंधित विभिन्न कानूनों और उनमें पशुपालन विभाग की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई।
पशु कार्यकर्ता सुरभि त्रिपाठी ने वेटेरो–लीगल, विटेनरी मेडिसिन और विटेनरी फोरेंसिक सहित विभिन्न पहलुओं और इस विषय में पुलिस द्वारा सहायता की आवश्यकता होने पर पशु चिकित्सकों और पशु चिकित्साधिकारियों के लिए तय एसओपी के विषय में भी बताया। उन्होंने कहा कि जीव होने के कारण पशुओं के भी कुछ अधिकार हैं और उन अधिकारों का संरक्षण करना मनुष्य होने के नाते हम सबका दायित्व है। लेकिन इसमें पशुपालन विभाग की विशेष भूमिका है। पशुपालन विभाग जानवरों के संरक्षण और संवर्द्धन का कार्य करता है। साथ ही पशुओं के संदर्भ यह विशेषज्ञ विभाग है। इसलिए इस विभाग के प्रतिनिधि के तौर पर पशुओं और उनके अधिकारों के प्रति आपसे विशेष संवेदनशीलता और सजगता की अपेक्षा है और इसी उद्देश्य से यह कार्यशाला आयोजित की गई है। आशा है कि कार्यशाला से हम सबको कुछ सीखने का मौका मिला होगा।
मुख्य पशु चिक्तसाधिकारी डॉ यू. एन. सिंह ने कार्यशाला के माध्यम से पशु अधिकारी और पशुओं के स्वच्छ व स्वस्थ व्यापार के विषय में विशेष जानकारी साझा करने के लिए मुख्य वक्ता सुरभि त्रिपाठी को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि समन्यतया लोग केवल सैद्धांतिक तौर पर बात करते हैं। लेकिन सुरभि त्रिपाठी जी और इनके पति व हमारे जिले के अपर जिलाधिकारी महोदय स्वयं पशु अधिकार के प्रति मुखर रहते हैं। साथ ही बेसहारा व विकलांग पशुओं की देखभाल अपने आवास में स्वयं करते हैं। यह हम सबके लिए प्रेरणा का विषय है। विशेषकर पशु चिकित्सक के तौर पर।
कार्यशाला में सभी डिप्टी सीवीओ और पशु चिकित्साधिकारी उपस्थित रहे।