*राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकराकर कांग्रेस ने अपना रूप रंग दिखा दिया*
उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी /राज्य सभा सांसद बृजलाल ने बताया कि राम मंदिर अयोध्या का निमंत्रण पत्र कांग्रेस की सुप्रीमो सोनिया गांधी व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लीकार्जुन खड़गे ठुकराकर अपनी मानसिकता को देश वासियों को दिखाया दिया है।
राज्य सभा सांसद बृजलाल ने कहा कि भगवान राम सभी देशवासियों के हैं। विदेशों में भी भगवान राम के प्रति लोगों की आस्था है। सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया में तो रामलीला होती है और सभी पात्र इस्लाम को मानने वाले होते है।
थाईलैंड के राजा तो भगवान राम की उपाधि धारण करके सिंहासन पर विराजमान होते हैं।कंबोडिया सहित दक्षिणपूर्वी कई एशियाई देशों में भगवान राम और सनातन धर्म के देवी देवतावों के प्रति भरपूर आस्था है। इंडोनेशिया की करेंसी पर प्रभु गणेश जी विराजमान हैं। दुःखद है कि भारत की सबसे पुरानी पार्टी अपने शुरुआती दिनों से ही तुष्टिकरण की राजनीति करती रही है।पंडित नेहरू तो सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार का विरोध कर रहे थे, उनकी सेक्युलर छवि को ख़तरा था।
कांग्रेस पार्टी भगवान राम के अस्तित्व को ही नकार रही थी। उनके अनुसार भगवान राम काल्पनिक हैं। हाँ जब चुनाव का मौसम आता है तो राहुल गांधी और श्रीमती प्रियंका बाड्रा मंदिर- मंदिर घूमने लगते है। कोट के ऊपर जनेऊ डालकर ब्राह्मण होनें का ढोंग भी करते हैं।
अब लोकसभा का चुनाव आ गया है, इसलिए राममंदिर की प्राणप्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ही ठुकरा दिया।
कहा कि इंदिरा गांधी ने 1980 के लोकसभा चुनाव के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक संस्थान बनाने का कुत्सित प्रयास किया, यह मामला इस समय भी सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच में विचाराधीन है।बीएचयू और एएमयू के अधिनियम एक हैं। बीएचयू संविधान प्रदत्त आरक्षण दलितों, पिछड़ों और ग़रीब सामान्य वर्ग को देता है, परंतु कांग्रेस की नीति के कारण एसएमयू ने आज़ादी के बाद अब तक संविधान प्रदत्त आरक्षण नहीं दिया।कांग्रेस ने दलित और पिछड़ा विरोधी होनें का प्रमाणपत्र दे दिया है।अब कांग्रेस पार्टी की तुष्टिकरण की नीति नहीं चलने वाली है।
जिला सवाददाता- मोहम्द अयूब सिद्धार्थनगर