*विभागीय मिली भगत से कई वर्षो से चल रहा था भ्रष्टाचार का खेल!*
अनाथ व गरीब बच्चों के बेहतर परवरिश के नाम पर संचालित संस्था दिव्यांग कल्याण सेवा संस्थान द्वारा 1.77 करोड़ सरकारी धन का गबन करना बिना विभागीय मिली भगत से संभव नहीं है।
दिव्यांग कल्याण सेवा संस्थान का संचालित करने वाली संस्था कई वर्षो से सरकारी धन का गबन कर रही थी,तब विभाग के लोग क्यों चुप थे, यह भी जांच का विषय है कि संस्था एक ही संस्थान के नाम पर कूट रचित अभिलेख तैयार करके भारत व उत्तर प्रदेश सरकार से अनुदान लेता रहा।अभी तक विभाग क्या कर रहा था?
इसकी भी जांच होनी चाहिए।दिव्यांग कल्याण सेवा संस्थान द्वारा संचालित बालगृह मधुबेनिया के प्रबंधक रहे अर्जुन पासवान ने जिलाधिकारी को एक पत्र भेजकर यह आरोप लगाया है कि जिला प्रोबेशन अधिकारी ने रिश्वत के लिए मुझसे 4 लाख रुपया मांग किया था,कर्ज लेकर 40 हजार रुपया कार्यालय में जाकर एक बाबू को देने जिक्र किया गया है,जिसका वीडीओ भी वायरल हो रहा है।वायरल वीडियो से इस बात को बल मिल रहा है कि विभाग की मिली भगत से भ्रष्टाचार का खेल कई वर्षो से चल रहा था,जब लेन देन में मामला बिगड़ गया तो संस्थान द्वारा इतने बड़े पैमाने पर सरकारी धन का गबन किए जाने की बात सबके सामने आ गई और संस्थान को बंद करना पड़ा।संस्थान पर तो कार्यवाही हो गई,लेकिन विभाग के जिन लोगो के मिली भगत से यह खेल चल रहा था,इसकी भी जांच कराकर कार्यवाही किया जाय।
जिला संवाददाता- मोहम्द अयूब सिद्धार्थनगर