यूपी के महराजगंज जनपद के लक्ष्मीपुर ब्लाक में एक तरफ जहां शिकायत पत्र के जांच के आधार पर ग्राम पंचायत के प्रधान का वित्तीय पावर व प्रशासनिक अधिकार पर रोक लगा दिया जा रहा है । विकास कार्य की अनियमितता को लेकर।वही कुछ माह बाद चेतावनी देकर बहाल कर दिया जा रहा प्रधान के प्रशासनिक अधिकार समेत वित्तीय अधिकार।लेकिन उस बीच तो विकास का कार्य रूक जाता है । चूंकि कागजी कार्रवाई का कओरम्म पुरा करने में समय लगता है ।तब तक यह पता चलता है की प्रधान जी बहाल हो गए।
जब की लक्ष्मीपुर ब्लाक में नियुक्त सचिव हेमंत कुमार को अक्टूबर माह में लक्ष्मीपुर क्षेत्र के जंगल गुलरिहा गांव के मामले को लेकर निलंबन जिले उच्चाधिकारियों के द्वारा कर दिया गया। हेमंत कुमार तमाम ग्राम पंचायत के सचिव थे । लेकिन निलंबन के महिनों से किसी सचिव की नियुक्ति नहीं हुई है। जिससे दर्जनों गांव का विकास रूका हुआ है ।ग्राम प्रधान ब्लाक का चक्कर लगा रहे हैं । लेकिन ब्लाक से लेकर जिला के विभागीय अधिकारी सचिव के नियुक्ति को मौन है ।
इसी तरह का मामला ग्राम विकास अधिकारी रामनाथ का है मंझार के गांव से हटा दिया है जिम्मेदार अधिकारियों ने। लेकिन किसी सचिव को अभी तक चार्ज नहीं मिला।ग्राम विकास अधिकारी रामनाथ इन ग्राम पंचायतों में तड़का लगा रहे हैं ।जिस सचिव के नियुक्ति की प्रक्रिया चल रहा है वह सचिव चार्ज के लिए इंतजार कर रहा है । लेकिन जिले के बिना उच्चाधिकारियों के फरमान के वगैर ग्राम विकास अधिकारी रामनाथ चार्ज देने वाले नहीं हैं । लेकिन विकास कार्य में तड़का इन दिनो खूब लगा रहे हैं।
इस संबध में सीडीओ महराजगंज का कहना है कि लक्ष्मीपुर क्षेत्र के खाली ग्राम पंचायतों में जल्द ही सचिव को नियुक्त करने निर्देश दिया गया है ।