हत्या, छेड़छाड़, मारपीट के आरोपी पूर्व भाजपा नेता के मददगार मुख्यालय के नगर पुलिस चौकी निलंबित सिपाही आबिद व गुड्डू शाह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
मिली खबरों के अनुसार आरोपी का पता नहीं चल रहा है। पुलिस की आशंका है कि आरोपी भाजपा नेता नेपाल भाग गया है, उसका लोकेशन नहीं मिल रहा है। सीमावर्ती क्षेत्र की पुलिस पकड़ने के प्रयास में लगी है, लगातार खोज बीन कर रही है।
पूरे प्रकरण में पुलिस को लापरवाह होने का प्रमुख कारण है की आरोपी का पुलिस में अच्छी पैठ थी चूंकि वह भाजपा का नेता था। जब पहली बार मामला पुलिस के पास आया तो किसी ने गंभीरता से नही लिया। आरोपी को कार्रवाई के प्रत्येक कदम की जानकारी हो जाती है। निलंबित पुलिस कर्मी ही उसे समय-समय पर जानकारी दे रहा था। दूसरा मददगार गुड्डू भी आरोपी को पल-पल की खबर देने में लगा रहता था। जब पुलिस ने दोनों को अपनी गिरफ़्त में लिया तो इनकी पूरी कहानी की पोल खुल गई।
प्रभारी निरीक्षक सदर कोतवाली आनंद कुमार गुप्ता ने बताया कि आरोपी की मदद करने वाले एक निलंबित सिपाही व मुहल्ले के एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। अन्य से पूछताछ की जा रही है।
हत्या, छेड़छाड़, मारपीट के आरोप में फंसा पूर्व भाजपा नेता पुलिस को चकमा देकर भूमिगत हो गया है। उसका पता नहीं चल रहा है। भाजपा ने भी उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पीड़िता को आवास मुहैया करा दिया गया है। उसके आवास पर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महिला सिपाही की ड्यूटी लगा दी गई है।
पुलिस आरोपी नेता को अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। आसपास के जिले से लेकर लखनऊ तक पुलिस खाक छान चुकी है। आरोपी के करीबी लोगों से पुलिस पूछताछ कर रही है। उनके जरिए मिली जानकारी के आधार पर पुलिस छापा डालने में जुटी है। पुलिस ने अब तक करीब दर्जन भर लोगों से पूछताछ कर चुकी है। इसके अतिरिक्त पुलिस द्वारा गोपनीय ढंग से अन्य संबंधित लोगों पर नजर रखी जा रही है, जिससे आरोपी का पता चल सके।
सूत्रों की माने तो आरोपी पुलिस को चकमा देने की खास तकनीकी अपना रहा है। क्यों कि जहां उसका लोकेशन बता रहा है, वहां जाने पर वह नहीं मिल रहा है। पुलिस की कई टीमें आरोपी को ढूंढ़ने में लगी हैं।
आरोपी का नेपाल भागने की जताई जा रही है आशंका
जहां आरोपी को पुलिस आसपास के जिलों में खोज रही है, आशंका जताई जा रही है कि कहीं वह नेपाल में तो नहीं पहुंच गया है।
आरोपी चकमा देकर फरार हो गया । पुलिस को इसकी भनक भी नहीं लगी। वह पुलिस की प्रत्येक हलचल पर नजर रख रहा था। गिरफ्तार हुआ पुलिस कर्मी ही उसका असल मददगार था।