यूपी सरकार के पारदर्शिता पूर्ण शासकीय धन से विकास हो । शासकीय धन का दूरुपयोग रोकने के लिए शासन द्वारा शासनादेश जारी है कि विना डिजिटल हस्ताक्षर के एक रूपए न खर्च किए जाए विना विकास कराए। लेकिन प्रदेश सरकार के इस फरमान पर बड़ी लापरवाही लापरवाही डिजिटल हस्ताक्षर को प्रमाणित करने व संस्तुति देने वाले जिम्मेदार अधिकारी कर रहे है ।जिसका नजारा लक्ष्मीपुर ब्लाक डिजिटल हस्ताक्षर को प्रमाणित कर संस्तुति देने को लेकर देखने को मिल रहा है।
प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों के प्रधान व नियुक्त सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से शासकीय धन का निकासी होना है । शासन द्वारा दुरुपयोग रोकने के लिए डिजिटल हस्ताक्षर बना था । लेकिन ब्लाक व जिम्मेदार सूत्र की माने तो प्रत्येक दो वर्ष पर डिजिटल हस्ताक्षर को रिनिवल किया जाता है । लेकिन डिजिटल हस्ताक्षर को लेकर ग्राम पंचायत के प्रधान को कड़ा मशक्कत उठाना पड़ रहा है ।यह मामला कही और का नही है बल्कि लक्ष्मीपुर ब्लाक का है ।
लक्ष्मीपुर ब्लाक में 96 ग्राम पंचायत है ।96ग्राम पंचायत के प्रधान समेत ग्राम पंचायत में नियुक्त सचिव का डिजिटल हस्ताक्षर रिनीवल होना है । रिनीवल के बाद ही शासकीय धन का निकासी होगा।शासन के द्वारा संचालित ग्राम पंचायत में विकास के लिए खाता से गांव में हुए विकास का भूगतान होना है। इतना ही नही ग्राम प्रधान का मानदेय,केवल आप्रेटर का मानदेय,केयर टेकर का मानदेय समेत शासकीय सार्वजनिक भवन पर बिजली के उपभोग का भी भूगतान होना है।
कुछ ग्राम पंचायतें छोटी मोटी व मरम्मत का कार्य ग्राम पंचायत में करा लिया है । इतना ही नही मजदूरी व पक्का काम के कुछ हिस्सों के भूगतान के लिए मनरेगा से भी संबध कर शासन ने फरमान जारी किया है ।जून माह चल रहा है । ऐसे जो ग्राम पंचायते छोटी मोटी विकास कराना चाह रही है वह भी डिजिटल हस्ताक्षर के अभाव में नही करवा पा रही है ।कारण पहले से विकास कार्य कराकर भूगतान के लिए इंतजार कर रहे है ग्राम प्रधान।
ग्राम पंचायत में नियुक्त जिम्मेदार सचिव डिजिटल हस्ताक्षर को लेकर कोई विशेष रूचि नही ले रहे है कि समय से हो जाए ।वह टाल मटोल कर रहे है की बरसात आ जाए । जिससे ग्राम पंचायत में विकास कार्य बरसात के कारण बाधित हो जाए ।भर पेट मलाई कटे जाए।
लक्ष्मीपुर ब्लाक के कुछ ग्राम पंचायत के प्रधानो ने नाम न छापने के शर्त पर बताया की सुबिधा शुल्क के चक्कर में समय से नही हो पा रहा है डिजिटल हस्ताक्षर की संस्तुति।जब की यह शासकीय धन के संचालन के लिए है।ग्राम पंचायत में नियुक्त सचिव की जिम्मेदारी है । लेकिन लापरवाही बरत रहे है ।अगर किसी एजेंसी से जांच कराई जाए गोपनीय तरीके से खुलेगा का जिम्मेदार की पोल।