बड़े धूमधाम से मनाया गया परशुराम भगवान का जन्म उत्सव
संवाददाता -विश्वामित्र मिश्र
विष्णु मंदिर तिराहे पर भगवान परशुराम जी के मूर्ति का हुआ अनावरण
महराजगंज । फरेंदा विष्णु मंदिर तिराहे पर हुआ भगवान परशुराम जी की मूर्ति का अनावरण, दूरदराज के विप्र समाज ने लिया भाग । भगवान परशुराम का जन्म उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया । फरेंदा तहसील क्षेत्र के विष्णु मंदिर तिराहे से भगवान परशुराम की शोभायात्रा निकाली गई जो फरेंदा थाना होते हुए उत्तरी बाईपास, छतरी चौराहा, एलबीएस स्कूल , अंबेडकर चौराहा, एलआईसी चौराहा से वापस विष्णु मंदिर पर शोभा यात्रा का समापन किया गया ।जिसमें विभिन्न जनपदों से आए विप्र समाज के लोगों ने भाग ली । बाबा विश्वनाथ के दरबार से आए कलाकारों ने एक से एक झांकी निकाल कर सभी लोगों का मनमुग्ध किया ।
भगवान परशुराम का संक्षिप्त कथा कैसे बने राम से श्री परशुराम
भगवान परशुराम का जन्म माता रेणुका की कोख से हुआ था। जन्म के बाद इनके माता-पिता ने इनका नाम राम रखा था। बालक राम बचपन से ही भगवान शिव के परम भक्त थे। ये हमेशा ही भगवान की तपस्या में लीन रहा करते थे। तब भगवान शिव ने इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर इन्हें कई तरह के शस्त्र दिए थे जिसमें एक फरसा भी था । फरसा को परशु भी कहते हैं इस कारण से इनका नाम परशुराम पड़ा।
भगवान परशुराम ने श्रीकृष्ण को दिया था सुदर्शन चक्र
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान परशुराम ने श्रीकृष्ण को सुदर्शन चक्र दिया था। दरअसर गुरुकुल में शिक्षा ग्रहण के दौरान भगवान कृष्ण की मुलाकात परशुराम जी से हुई तभ उन्होंने भगवान कृष्ण को सुदर्शन चक्र दिया था।
पृथ्वी को 21 बार किया था क्षत्रिय विहीन
परशुराम जी का जन्म ब्राह्राण कुल में हुआ था लेकिन उनका ये अवतार बहुत ही तीव्र, प्रचंड और क्रोधी स्वाभाव का था। भगवान परशुराम ने अपने माता-पिता के अपमान का बदला लेने के लिए इस पृथ्वी को 21 बार क्षत्रियों का संहार करके विहीन किया था। इसके अलावा अपने पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए अपनी माता का भी वध कर दिया था। लेकिन वध करने के बाद पिता से वरदान प्राप्त करके फिर से माता को जीवित कर दिया था।इस मौके पर स्टार हॉस्पिटल प्रबंधक नीना चतुर्वेदी/ अरुन चतुर्वेदी ,अमुक्त पांडे ,अरविंद दुबे ,अरुण दुबे ‘ पूर्व विधायक विनोद तिवारी,राहुल पांडे , केशव मिश्र,अमृत त्रिपाठी,विशुन देव त्रिपाठी ,केसरी नंदन त्रिपाठी,देवनंदन त्रिपाठी, सुधाकर चौबे,सुनील पांडे ,आदित्य मिश्र, रघुवर मिश्र,अरविंद मिश्र ‘ विश्वमित्र मिश्र ,अरविंद दुबे,भोले चौबे ,राहुल चौबे सहित हजारों की संख्या में विप्र बंधु मौजूद रहे।