साहित्यकार आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुस्तकालय सुबिधाओ के लिए देख रहा जिम्मेदारो की राह-कब होगा सुबिधा से लैश-सिद्वार्थ शुक्ला की रिपोर्ट

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुस्तकालय हुआ सुविधाओं का मोहताज

पूर्वांचल बुलेटिन निष्पक्ष खबर
ब्यूरो रिपोर्ट सिद्धार्थ शुक्ला बस्ती

बस्ती। जनपद को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने वाले साहित्यकार आचार्य राम चन्द्र शुक्ल की धरती अगौना खुद विकास से अछूती रह गयी है । बस्ती जिले के विकास खण्ड बहादुरपुर के अर्न्तगत ग्राम पंचायत अगौना में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुस्तकालय सुविधाओं के लिए तरस रहा है ।


प्राप्त सूचना के अनुसार विकास खण्ड बहादुरपुर के ग्राम पंचायत अगौना में आचार्य राम चन्द्र शुल्क का जन्म 04 अक्टूबर 1884 ई0 में हुआ था। इनकी माता का नाम विभाषी था और पिता का नाम पं० चन्द्रबली शुक्ल था । पिता की नियुक्ति सदर कानूनगों के पद पर मिर्जापुर में हुई थी जिसके कारण पूरा परिवार मिर्जापुर चला गया और वहीं का होकर रह गया। जिस समय आचार्य राम चन्द्र शुक्ल की आयु 09 वर्ष की थी उनकी माता का देहान्त हो गया। बाल्यवस्था से ही राम चन्द्र शुक्ल लग्नशील और संघर्ष शील थे । इनके पिता ने शुक्ल को वकालत के लिए इलाहाबाद भेजा पर शुक्ल की रुचि वकालत मे न होकर साहित्य में लगी रहती थी । साहित्य में रुचि होने के कारण वकालत में शुक्ल अनुत्तीर्ण रहे । स न् 1903 ई0 से सन् 1908 ई0 तक आनन्द कादम्बिनी के सहायक सम्पादक का कार्य किया इसी दौरान ही 1904 ई0 से 1908 ई0 तक लंदन मिशन स्कूल में ड्राइंग के अध्यापक पद को भी सुशोभित किए । इसी समय से शुक्ल के लेख पत्र – पत्रिकाओं में छपने लगे और धीरे – धीरे उनकी विद्वता का यश चारों ओर फैल गया । 02 फरवरी सन् 1941 को हृदय की गति रुक जाने से शुक्ल का देहांत वाराणासी में हो गया । महान साहित्यकार होने के नाते तत्कालीन बहुत ही तेज तर्रार मण्डलायुक्त बस्ती मण्डल बस्ती के के पहल पर ग्राम पंचायत अगौना में आचार्य राम चन्द्र शुक्ल पुस्तकालय का निर्माण वर्ष 2002 में हुआ और शुक्ल के प्रतिमा की स्थापना हुई थी । वर्तमान समय में शुक्ल जी की प्रतिमा खुले आसमान में रखी गयी है व पुस्तकालय भवन जर्जर है । बरसात के दिनों में पुस्तकालय में पानी भर जाता है जिससे सारी किताबे भीग जाती है पुस्तकालय का देख-रेख ठीक से नही हो पा रहा है । इस सम्बध में जब पत्रकार द्वारा ग्राम प्रधान लक्ष्मी यादव से बात की गयी तो ग्राम प्रधान लक्ष्मी यादव ने बताया कि पुस्तकालय भवन ग्राम पंचायत को हैण्ड ओवर नही किया गया है जिससे पुस्तकालय की देख – रेख ग्राम पंचायत द्वारा ठीक से नही हो पा रहा है । आचार्य राम चन्द्र शुक्ल पुस्तकालय का किसी सक्षम अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत को हैण्ड ओबर होते ही सारी असुविधाएं ग्राम पंचायत स्तर से दूर करा दी जायेगीं।

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