वनक्षेत्राधिकारी लक्ष्मीपुर को अवकाश पर जाते ही कैसी जिमेदारो की निगेहबानी, प्रतिदिन मिट रही जंगल की निशानी,प्राकृतिक सौंदर्य व पर्यावरण प्रभावित जंगलविहीन होने लगा

 वनक्षेत्राधिकारी लक्ष्मीपुर को अवकाश पर जाते ही कैसी जिमेदारो की निगेहबानी, प्रतिदिन मिट रही जंगल की निशानी,प्राकृतिक सौंदर्य व पर्यावरण प्रभावित जंगलविहीन होने लगा

पूर्वांचल बुलेटिन निष्पक्ष खबर अब तक

अर्जुन जायसवाल 

लक्ष्मीपुर महराजगंज

प्राकृतिक सौंदर्य की गोद कही जाने वाली सोहगीबरवा वन प्रभाग के लक्ष्मीपुर रेंज धीरे-धीरे जंगलविहीन होने लगा है। मामला लक्ष्मीपुर रेंज के अचलगढ़ बीट का हैं। जहाँ सागौन व साखू कीमती पेड़ों की अवैध कटाई जोरों पर है। आपको बताते चलें कि वन क्षेत्राधिकारी केके गुप्ता के आने से काफी हद तक जंगल में कटान रुक गई थी। परंतु वन क्षेत्राधिकारी केके गुप्ता के अवकाश पर जाते ही जंगल में कटान प्रारंभ हो गया। इस बारे में जब केके गुप्ता से बात की गई। तो उन्होंने बताया कि दिनाँक 22 जनवरी से मै अवकाश पर हूँ। क्यों कि मेरे यह वैवाहिक कार्यक्रम चल रहा हैं। 

अब सवाल यह उठता हैं कि क्या विभागीय नुमाईंदों की लापरवाही न माने तो आखिर इसे क्या कहा जाए ? जंगल की कटान की जा रही हैं। वन विभाग का मौन रहना आश्चर्यजनक है। वहीं दूसरी ओर लकड़ी तस्कर इमारती लकड़ी विशेषकर सागौन व साखू की लकड़ी की अवैध कटाई कर उसे चोरी छुपे फर्नीचर बनाकर बेचने में निरंतर बेखौफ लगे हैं। यह भी सही हैं कि अवैध कटाई से लेकर फर्नीचर के निर्माण व बिक्री का पूरा कार्य खुलेआम चल रहा है। फिर भी वन विभाग के अधिकारियों का आंख मूंदकर बैठना यह साबित करता है कि जंगलों की अवैध कटाई वन विभाग की सरपरस्ती पर खुलेआम चल रही है। जंगलों के संरक्षण संवर्धन तथा वनों की सुरक्षा के लिए केंद्र व राज्य सरकार प्रतिवर्ष क्षेत्र में करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। किंतु पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने में वन विभाग पूरी तरह असफल रहा है। या यूं कहें कि वन विभाग अवैध कटाई व वन तस्करों के संरक्षण को लेकर कार्य कर रहा है। तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। इस संदर्भ में प्रभागीय वन अधिकारी पुष्प कुमार के का कहना है मामला संज्ञान आया है। जाँच कराकर  दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। दोषी चाहे कितना भी पंहुचवाला होगा।

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