लक्ष्मीपुर ब्लॉक के गाँव भगवानपुर में नियुक्त सचिव व प्रधान मिलकर खूब लगाया है पलीता ; वर्षो बीत रहे लाभार्थियों का पूरा नहीं कराया शौचालय निर्माण

 

लक्ष्मीपुर ब्लॉक के गाँव भगवानपुर में नियुक्त सचिव व प्रधान मिलकर खूब लगाया है पलीता ; वर्षो बीत रहे लाभार्थियों का पूरा नहीं कराया शौचालय निर्माण

पूर्वांचल बुलेटिन निष्पक्ष खबर अब तक 
अर्जुन जायसवाल 
पुरंदरपुर महराजगंज संवाददाता 

सचिव और ग्राम प्रधान की खाऊ कमाऊ नीति से चकनाचूर हो रहा स्वच्छ भारत अभियान का सपना

महराजगंज जनपद के खंड विकास लक्ष्मीपुर के ग्राम पंचायत भगवानपुर के गरीबो का समुचित विकास का सपना सचिव और ग्राम प्रधान की खाऊ कमाऊ नीति के चलते चकनाचूर हो रहा है। प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है। केंद्र और प्रदेश सरकार ने खजाना का मुंह खोल दिया है। गाव भगवानपुर के विकास के लिए अन्य विभागों के मद को सीधे ग्राम पंचायत के खाता से जोड़ दिया। 

लेकिन ग्राम पंचायत भगवानपुर का समुचित विकास तो नजर नही आ रहा है। किंतु ग्राम प्रधान और सचिव विकास के मद में भेजी गई। धनराशि को हजम कर मालामाल हो रहें है। विकास के लिए पिछली सरकारों ने जितना धनराशि वर्षो में नही खर्च की उतनी धनराशि महज कुछ ही वर्षों में खर्च हो गई। किन्तु विकास का दावा खोखला नजर आ रहा है। गाँव भगवानपुर के विकास के लिए चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं की जमीनी हकीकत पर नजर डाले तो नजारा ऐसा ही देखने को मिलेगा। देश की बागडोर संभालते ही प्रधानमंत्री मोदी ने गावो में निवास कर रहे। महिलाओ और पुरुषों को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने और गांव व आसपास को साफ सुधरा रखने के स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत किया। खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के लिए शौचालय का निर्माण युद्ध स्तर पर शुरू किया गया। शौचालय निर्माण के लिए ग्राम पंचायतों के खाता में लाखों रुपये की धनराशि भेजी गई। ग्राम प्रधानों ने शौचालय की धनराशि लाभार्थियों के खाता में न भेजकर स्वयं ठेकेदार बन गए। और गांव भगवानपुर में शौचालय निर्माण का काम शुरू करा दिया। किसी लाभार्थी को ईंट दिया, तो किसी को सीमेंट तो किसी के घर पर कॉकपिट खोदवा दिया। चार वर्ष बाद भी गांव भगवानपुर में ग्राम प्रधान द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत निर्मित शौचालय अपूर्ण है। और महिला और पुरूष खुले में शौच करने के लिए बिबश है। ऐसा नही है। कि सरकार ने योजनाओं के देखरेख के लिए कुछ नही किया। समिति बनाई, स्वैक्षा ग्राहियों की तैनाती की किन्तु ये लोग भी इस भ्रस्टाचार के सहभागी बन गए। और इनके द्वारा लगाई गई। रिपोर्ट पर विश्वास कर सरकार ने भगवानपुर ग्राम सभा को खुले में शौच से मुक्ति का तमगा दे दिया। और सभी गांवों को संतृप्त कर दिया। गाँव की मुख्य सड़के, गलियों और सार्वजनिक स्थानों पर रात के समय अंधेरा न रहे। सरकार ने सोलर लाइट व बिजली के खंभों पर स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए भारी भरकम धनराशि जारी की। सोलर लाइट खरीद बाजार भाव से कई गुना ज्यादा में किए गए। यही नही बिजली के खंभों पर बिना स्ट्रीट लाइट लगाए ही भुगतान ले लिया गया। लेकिन गाँव भगवानपुर में उजाला तो नही फैला हां अधिकारी, सचिव व ग्राम प्रधान का जीवन प्रकाशमान हो गया। इस संदर्भ में खंड विकास अधिकारी सुधीर पांडेय से फोन पर बात करनी चाही तो नंबर ब्लैकलिस्ट डाल दिया गया।

वही डीपीआरओ महराजगंज के.वी वर्मा का कहना है। कि भगवानपुर गाँव की जाँच की जाएंगी दोषी मिलने पर कार्यवाई भी की जाएगी।

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