भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई कवि पहले थे नेता बाद मे- सौहार्द शिरोमणि डॉक्टर सौरभ पांडेय
पूर्वांचल बुलेटिन निष्पक्ष खबर अब तक
गजेंद्र नाथ पांडेय
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कुर्बानियों के दम पर जिंदा वतन हमारा है-मिन्नत गोरखपुरी
स्व.भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई के जयंती के अवसर पर धरा धाम इंटरनेशनल एवं गोरखपुर लिटरेरी सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन
बुद्धा पीजी कॉलेज कुशीनगर के भन्ते हाल में आयोजित। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए धरा धाम प्रमुख सौहार्द शिरोमणि डॉक्टर सौरभ पांडेय ने कहा कि भारत रत्न स्वर्गीय पंडित अटल बिहारी वाजपेई नेता बाद में कवि पहले थे। और साहित्य के प्रति उनका समर्पण सदैव याद रखा जाएगा।
कार्यक्रम के संयोजक ई.मिन्नत गोरखपुरी ने बताया कि एकता उपाध्याय और डॉ एहसान अहमद को अटल साहित्य सम्मान_2021 एवं भावना द्विवेदी को अटल युवा साहित्य सम्मान-2021 से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए ई.मिन्नत गोरखपुरी ने ऐसे ही पढ़ा।
कुर्बानियों के दम पर जिंदा वतन हमारा है फैला हुआ अमन रोशन चमन हमारा है।
लोगों ने खूब तालियां बजाकर स्वागत किया।
डॉ रामकृपाल राय ने पढ़ा।
अब किसको मिलता है मुकम्मल जहां,
ख्वाहिशें पे कफन हम चलाते रहे।।
डॉ अनिता पाल सिंह पढ़ा।
इन आंखों से नींदें उड़ाना मना है,
बहुत थक गई है,जगाना मना है।
डॉ एहसान अहमद ने पढ़ा।
ये किरदार किरदार की बात है,
फिर भी बेहद शाद ओ पाक है।
एकता उपाध्याय ने पढ़ा।
शाखे गुल सुर्ख मुहब्बत के खिलाफ करते थे,
वो भी क्या दिन थे लोग गुरबत में मिला करते थे।
भावना द्विवेदी ने पढ़ा।
मैं बेटी हूं सदा अपने पिता का मान रखती हूं,
मैं मर सकती हूं पर रेखा के बाहर जा नहीं सकती।।
वकार वाहिद ने पढ़ा।
राम का नाम तो ले सकते हो इक लम्हे में।
राम बनने में मगर उम्र गुजर जाती है।।