नियमित टीकाकरण पर फोकस बढ़ाने के लिए प्रशिक्षित की गयीं एएनएम:टीकाकरण के साथ एनसीडी स्क्रीनिंग भी जरूरी-डाॅ.राकेश

गजेन्द्र नाथ पांडेय-पूर्वांचल निष्पक्ष खबर अब तक

टीकाकरण के साथ एनसीडी स्क्रीनिंग भी जरूरी-डाॅ.राकेश

नियमित टीकाकरण पर फोकस बढ़ाने के लिए प्रशिक्षित की गयीं एएनएम

सुमन-के विधि से हाथ धुलें, हवा में सुखाएं- डाॅ. वीर विक्रम

पांच साल में सात बार टीकाकरण का बताएं महत्व


गुणवत्तापूर्ण नियमित टीकाकरण पर फोकस बढ़ाने के लिए जिला होमियोपैथिक चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में सोलह एएनएम को दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के उपरांत सभी को प्रमाण पत्र भी दिया गया।

इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राकेश कुमार ने कहा कि सभी एएनएम गुणवत्तापूर्ण नियमित टीकाकरण के साथ एनसीडी स्क्रीनिंग पर भी जोर दें। प्रशिक्षण की सार्थकता तभी सिद्ध होगी जब नियमित टीकाकरण में गुणात्मक सुधार के साथ शत प्रतिशत टीकाकरण हो।


          डिप्टी सीएमओ डाॅ.वीर विक्रम सिंह ने बताया कि टीकाकरण शुरू करने से पहले सुमन-के ( एस- पंजा सीधा, उ-पंजा उल्टा, एम-मुट्ठी बांधकर, ए-अंगुठा, एन-नाखून तथा के-कलाई) विधि से हाथ धुलने का तरीका बताया तथा हाथ धुलने के बाद हवा में सुखाने का सुझाव दिया।


     उन्होंने गैर संचारी रोगों ( मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर तथा पक्षाघात) के बारें में विस्तार से बताया। ऐसे लक्षण वाले मरीजों की लाइन लिस्टिंग भी करने का निर्देश दिया। सभी एएनएम अपने केन्द्र तथा सत्र स्थल पर लाभार्थियों को  नियमित टीकाकरण के महत्व को बताएं। ताकि कोई भी पात्र बच्चा और गर्भवती टीकाकरण से वंचित न रहने पाएं।


     स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी भागवत सिंह ने बताया कि  बारह प्रकार की बीमारियों से बचाने के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी है। पांच साल में सात बार टीकाकरण कराने से बच्चों को विभिन्न गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नियमित टीकाकरण के बेहतर प्रबंधन एवं सुदृढ़ीकरण के लिए अनुक्षवण और मूल्यांकन जरूरी है। अनुक्षवण और मूल्यांकन के माध्यम से नियमित टीकाकरण पर फोकस बढ़ाया जा सकता है। लाभार्थियों को यह भी बताएं कि कौन टीका कब और कितने बार लगना है। किस टीके से क्या फायदा होता है। इसके बारे में ठीक से जानकारी रखें।


    स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी उमेश शाही ने बताया कि छोटे बच्चों के शरीर में बीमारियों से लड़ने की ताकत कम होती है। टीके नहीं लग पाने की दशा में बीमारी होने का खतरा अधिक रहता है। कुछ बीमारियों उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर या दिव्यांग बना सकती है। बीमार पड़ने पर बच्चा तो परेशान होता ही है परिजनों को भी बच्चे के इलाज के लिए अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ता है। बच्चों का टीकाकरण करा कर कई परेशानियों से बचा जा सकता है।


       प्रशिक्षण लेने वाली एएनएम में अनुराधा, हेमवंती ,मीरा देवी, पुष्पा देवी, नीलम, शमीमनिशा, कंचन, इन्द्रावती, यशोदा देवी, लालती, विनीता शंकर, विद्या देवी,कुसुम देवी,श्यामसुन्दरी, मनोरमा और विजय लक्ष्मी के नाम हैं।

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