नन्हा मेहमान के मौत के बाद खुला स्वास्थ्य विभाग महराजगंज के नोडल अधिकारी की आंख:अगर 6:मांह के बीच जांच कर सील किया होता विना रजिस्ट्रेशन का चल रहा अल्फा हास्पिटल तो शायद नही सूना होता आगन की किलकारी

गजेन्द्र नाथ पांडेय महराजगंज

महराजगंज जनपद में विना रजिस्ट्रेशन के चला रहे हास्पिटल झोलाछाप डाक्टर को फेल कर नीम हकीम खतरे जान पैदा हो गए हैं।जब जनपद सरकार स्वास्थ्य विभाग इलाज के लिए काफी है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से आए दिन विना रजिस्ट्रेशन के चला रहे हास्पिटल झोलाछाप डाक्टर से भी बद्तर साबित हो रहे हैं । इतना ही स्वास्थ्य विभाग की आंख तब खुलता है जब कोई न कोई घटना घट जाता है ।

जिसका नजारा महराजगंज जनपद के पुरंदरपुर थाना के रानीपुर में लगभग छः:माह से अधिक समय से चल रहे विना रजिस्ट्रेशन के अल्फा हास्पिटल में शुक्रवार को देखने को मिला। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुरंदरपुर में जच्चा बच्चा सुरक्षित थे। एएनएम ने नार्मल तरीके प्रसव कराई ।नन्हा बच्चा एक सुरक्षित था। लेकिन पुरंदरपुर के चंद्रेश गुप्ता के परिजन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से अपने नन्हे बच्चे को दिखाने के लिए अल्फा अस्पताल पर लेकर चले गए।

अल्फा हास्पिटल रानीपुर ने बच्चे को भर्ती कर लिया।जब की नन्हे नवजात को कोई भी प्राइवेट अस्पताल जल्दी भर्ती नहीं करता सीधे जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज अथवा ज़हां पर बाल विशेषज्ञ सुबिधा से लैस होते हैं।वहां पर इलाज के लिए भेजते हैं। जिससे नवजात शिशु एकदम सुरक्षित रहे। लेकिन रूपए के लालच में विना रजिस्ट्रेशन के चला रहा अल्फा हास्पिटल का संचालक नन्हे शिशु को रोक लिया। आखिर मां ममता का गोंद सूना कर रूपया लेकर बाइक से भाग गया।यहां तक भी परिजनों को यह बताना भी उचित नहीं समझा की नन्हा शिशु नहीं है। लेकिन मां ममता कहा रूकने वाला परिजनों को संदेह हो गया। आखिर परिजन बच्चे के पास जब पंहुचे तो बच्चे की मौत हो चुकी थी।तब तक अल्फा अस्पताल का संचालक फरार हो चुका था।काफी हंगामा हुआ। मौके पर पुलिस पंहुची किसी तरह से पीड़ित परिवार को समझा बुझाकर कर शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया।

शनिवार को अल्फा हास्पिटल के संचालक व एएनएम के उपर परिजन के तहरीर के अनुसार पुरंदरपुर पुलिस ने केस दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई कर जांच व विवेचना के लिए सब इंस्पेक्टर संदीप यादव को सौंप दिया है।जिसका विवेचना जारी भी है। लेकिन केस दर्ज होने के तीन दिन बीत गए हैं । पुलिस हास्पिटल संचालक तक नहीं पंहुच पाई है ।और अस्पताल संचालक भी फरार है ।

अगर छः माह के बीच में स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी महराजगंज जांच कर विना रजिस्ट्रेशन के रानीपुर में चला रहे अल्फा हास्पिटल के संचालक पर कार्रवाई कर हास्पिटल सील किए होते तो शायद नन्हा शिशु की मौत नहीं होती । लेकिन स्वास्थ्य विभाग विना रजिस्ट्रेशन के चलाने वाले प्राइवेट अस्पताल को लेकर मौन बना रहता है। घटना के बाद ही अस्पताल सील करने पंहुचते है ।जिसका नजारा पुरंदरपुर थाना के रानीपुर चौराहा पर विना रजिस्ट्रेशन का संचालक अल्फा हास्पिटल चला रहा था।जब नन्हा शिशु की मृत्यु हो गई। पुलिस में केस दर्ज हो गया।

केस दर्ज होने के तीसरे दिन सोमवार को दिन में स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी महराजगंज राजेश द्विवेदी रानीपुर चौराहा पर पंहुच कर अल्फा हास्पिटल को सील किया।जब संचालक फरार है ।

क्या नोडल अधिकारी महराजगंज में भी ऐसे विना रजिस्ट्रेशन के अस्पताल संचालक के मकान पर बुलडोजर चलवाने के शासन को लिखेंगे। जिससे महराजगंज में इस तरह की घटनाओं पर काबू पाया जा सके । जिससे नन्हा मासूम को ऐसे हास्पिटल संचालक से बचाया जा सके?

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