अवैध मदिरा के निर्माण, बिक्री एवं तस्करी पर अंकुश लगाये जाने के दृष्टिगत 26 जुलाई तक चलाया जाएगा विशेष प्रवर्तन अभियान

*अवैध मदिरा के निर्माण, बिक्री एवं तस्करी पर अंकुश लगाये जाने के दृष्टिगत 26 जुलाई तक चलाया जाएगा विशेष प्रवर्तन अभियान*

*डीएम ने जनपदीय प्रशासन व पुलिस तथा आबकारी बल की गठित संयुक्त टीम को दिया आवश्यक निर्देश*

_*देवरिया(सू0वि0) 17  जुलाई।*_  आबकारी आयुक्त, उ०प्र० द्वारा प्रदेश में अवैध मदिरा के निर्माण, बिक्री एवं तस्करी तथा अवैध अल्कोहल/शीरा के परिवहन पर अंकुश लगाये जाने के दृष्टिगत 26 जुलाई तक का विशेष प्रवर्तन अभियान चलाये जाने हेतु निर्देशित किया गया है।
           उक्त निर्देश के अनुपालन में जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने जनपदीय प्रशासन व पुलिस तथा आबकारी बल की गठित संयुक्त टीम को निर्देशित किया  है कि जनपद स्थित अवैध मद्यनिष्कर्षण के अड्‌डों तथा अन्य प्रान्त निर्मित अवैध मदिरा की तस्करी के संभावित क्षेत्रों/मार्गों पर निरन्तर औचक प्रवर्तन कार्यवाही सम्पादित करने हेतु  26 जुलाई 2024 तक विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जाना सुनिश्चित करें। गठित टीम में संबंधित तहसील के एसडीएम और क्षेत्राधिकारी को नामित किया गया है, जिनके साथ आबकारी विभाग के अधिकारियों को भी नामित किया गया है। गठित टीमें जी.एस.टी., परिवहन विभाग, ड्रग विभाग एवं आर.पी.एफ., आर.ए.एफ. का भी यथासंभव सहयोग प्राप्त करेगी।
          जिलाधिकारी ने गठित टीम को निर्देश दिया है कि  अवैध मदिरा के कार्य में संलिप्त माफियाओं, तस्करों की जो सूची तैयार या उपलब्ध कराई गई है, उनके विरुद्ध स्थानीय पुलिस के सहयोग से गैंगेस्टर अथवा गुण्डा एक्ट के अन्तर्गत कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित की जाय एवं उन पर सतत् निगरानी रखी जाय। संदिग्ध वाहनों की सघनता एवं सूक्ष्मता से चेकिंग कराई जाय। राष्ट्रीय या राज्य राजमार्गो पर स्थित ढाबों, जहाँ अल्कोहल के टैंकर प्रायः रुकते है, की भी सघन एवं आकस्मिक जाँच करायी जाय। अवैध मदिरा के संदिग्ध स्थानों, अड्डों पर छापेमारी की कार्यवाही अवश्य की जाये। पकड़े गये अभियोगों में आबकारी अधिनियम की विद्यमान धाराओं के साथ-साथ आवश्यकतानुसार आई.पी.सी. की सुसंगत धाराओं में भी एफ.आई.आर. दर्ज करायी जाय। आबकारी दुकानों एवं थोक अनुज्ञापनों का निरीक्षण चेक लिस्ट के अनुसार किया जाये तथा दुकान पर स्थित स्टॉक के बार कोड व क्यू.आर. कोड की सूक्ष्मता एवं सतर्कतापूर्वक जाँच की जाय। इसके साथ जनपदों में ऐसी दुकानें जो सेक्टर/क्षेत्र में सबसे दूरस्थ, जंगल क्षेत्र अथवा निर्जन स्थान पर स्थापित की गयी हो, उन दुकानों पर अवैध या मिलावटी शराब बिकने की सम्भावना अधिक होती है, इसकी रोकथाम के लिए ऐसी दुकानों पर सतर्क दृष्टि एवं निगरानी रखा जाना सुनिश्चित करें तथा रैण्डम आधार पर दुकानों की चेकिंग करते हुए मदिरा का नमूना लेकर क्षेत्रीय अथवा केन्द्रीय प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु भेजे जाय दुकानों के खुलने के नियत समय से पूर्व एवं पश्चात् दुकानों के अनुज्ञापियों अथवा विक्रेताओं द्वारा मदिरा, संलग्न कैन्टीन से ओवर रेट पर स्वयं बेचे जाने अथवा कैन्टीन संचालकों से विक्रय कराये जाने की शिकायतें भी प्राप्त होती हैं। नियम विरुद्ध ढंग से मदिरा की इस प्रकार की बिकी में कैन्टीन संचालकों अथवा विक्रेताओं द्वारा अवैध या मिलावटी मदिरा की बिक्री किये जाने की सम्भावना अधिक होती है। ऐसी स्थिति में निर्देशित किया जाता है कि समय से पूर्व एवं समय के पश्चात् कैन्टीन से वैध अथवा अवैध किसी प्रकार की मदिरा की बिक्री कदापि न हो पाये।
         देशी, विदेशी मदिरा, बीयर एवं माडल शाप की फुटकर बिक्री की दुकानों पर ओवर रेट के सम्बन्ध में रैण्डम टेस्ट परचेज स्वयं, आबकारी एवं प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा कराई जाय। साथ ही ओवर रेट की शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल टीम भेजकर शिकायतकर्ता से सम्पर्क कर शिकायत की सघन जाँच कराएं और शिकायत की पुष्टि पायें जाने पर विक्रेता एवं अनुज्ञापन के विरुद्ध नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जाय।  दुकानों पर लगे हुए सी.सी.टी.वी. कैमरों के सुचारु रुप से निरन्तर क्रियाशील रहते हुए रियल टाइम मानिटरिंग की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय।अवैध मदिरा के पकड़े गये कई अभियोगों में भारी मात्रा में नकली ढक्कन, नकली रैपर, नकली क्यू०आर०कोड क्यू०आर० आदि की बरामदगी की गयी है। इस सम्बन्ध में आसवनियों को उपरोक्त सामग्री की आपूर्ति किये जाने वाले आर्पूतकों पर भी निगरानी रखी जाय। असेवित क्षेत्रों तथा ऐसे स्थानों जहाँ पर मदिरा की दुकानें अव्यवस्थित है, वहाँ पर अवैध करोबार की सम्भावना को दृष्टिगत रखते हुए सतर्क निगरानी रखी जाय। एफ.एल.-16/17 एवं एफ, एल.-39,40 तथा 41 अनुज्ञापनों तथा पेन्ट, थिनर तथा वार्निश की दुकानों पर सतर्क निगरानी रखी जाय तथा यथावश्यकतानुसार पेन्ट, थिनर तथा वार्निश की दुकानों से नमूना लेकर उसकी जाँच भी कराई जाय। जनपद स्तर से कबाड़ियों की उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार पर सूची से सम्मिलित कबाड़ियों पर भी निरन्तर उनके कार्य कलापों पर भी निगरानी रखी जाय। अवैध मदिरा का सेवन न करने एवं अवैध शराब के अड्डों की सूचना देने के सम्बन्ध में विज्ञप्ति समाचार पत्रों में प्रकाशित कराई जाय तथा इस सम्बन्ध में जनता को जागरुक करने के लिये पोस्टर, हैण्डबिल भी छपवा कर वितरित कराये जाय। साथ ही इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार प्रसार कराया जाय। अनुज्ञापियों तथा विक्रेताओं की गतिविधियों पर निरन्तर निगरानी रखी जाय। अवैध मदिरा के निर्माण एवं बिक्री के कई प्रकरण बन्द पडी फैक्ट्रियों में पकड़े गये है, अतएव ऐसी बन्द पड़ी फैक्ट्रियों को चिन्हित कर उन पर सतत् सतर्क दृष्टि रखी जाय।  जिन क्षेत्रों में आसवनियाँ स्थित है, उन स्थानों पर विशेष निगरानी रखी जाये ताकि उनसे अल्कोहल चोरी की सम्भावना न हो। मिथाइल अल्कोहल के नियंत्रण के लिये आयुक्तालय द्वारा पूर्व में निर्गत आदेशों का कड़ाई से शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय, जिससे किसी प्रकार की अप्रिय एवं दुखद घटनाओं से बचा जा सकें। अल्कोहलयुक्त औषधियों एवं टिंचर का शराब के रुप में दुरुपयोग को रोकने के लिए ड्रग विभाग क सहयोग से ऐसे दुकानों का निरीक्षण कर नमूने आहरित किये जायें और जाँच में सब-स्टैण्डर्ड पाये जाने पर उनका अनुज्ञापन निरस्त करने की कार्यवाही ड्रग विभाग से करायी जाय। प्रदेश स्तर पर संचालित टोल फ्री नम्बर-14405 तथा व्हाट्सअप नम्बर 9454466019 का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय ताकि आम जन बिना किसी भय के इन नम्बरों पर अवैध मदिरा के निर्माण एवं बिक्री की सूचना दी जा सकें। जिन आबकारी दुकानों पर उक्त नम्बरों की अंकित नहीं कराया गया है तत्काल उन दुकानों पर उक्त नम्बरों का अंकन सुनिश्चित किया जाय।अन्य प्रान्तों की सीमा से लगे जनपदों में विशेष सतर्कता बरती जाय एवं नियमित रुप से रोड चेकिंग कराई जाय, जिससे कि किसी भी दशा में अवैध मदिरा की तस्करी न होने पाए।

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