एक थी अंकिता.. आरोप तय होने के बाद भी इंसाफ से कोसो दूर पहाड़ की बेटी का परिवार…
उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ भले ही आरोप तय हो गए हो, मगर अभी इन्साफ कोसो दूर दिख रहा हैं। पौड़ी गढ़वाल की कोटवार सेशन कोर्ट ने पूर्व में ही अंकिता केस में आरोपी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या का आरोपी करार दिया था।ऋषिकेश के वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करने वाली अंकिता भंडारी कि पिछले साल हत्या कर दी गई थी।
हत्या का आरोप इन तीनों पर लगा था। दावा किया गया कि अंकिता ने रिसोर्ट में आने वाले वीआईपी गेस्ट्स को ‘स्पेशल सर्विस’ देने से इंकार कर दिया था। सेशन कोर्ट में तीनों आरोपियों की कड़ी सुरक्षा में पेशी की गई इस दौरान कोर्ट के बाहर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। पुलिस आरोपियों को लेकर पहुंची तो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। कोर्ट के बाहर प्रदर्शन मामले में पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया।
किन आरोपों में अदालत में चल रहा केस…
कोर्ट की ओर से तीनों आरोपियों पर हत्या, सेक्सुअल हरासमेंट, साक्ष्यों को छुपाने के लिए आईपीसी की धाराओं और वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेलने के मामले में भी वैश्यावृति अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए। कोर्ट ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पर आईपीसी की धारा 302 यानी हत्या, धारा 201 यानी साक्ष्य छुपाना, 354 (ए) यानी छेड़खानी एवं लज्जा भंग और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम की धारा 5(1)(डी) के तहत गलत तरीके से देह व्यापार में घकेलने के आरोप तय किए। दूसरे आरोपी सौरभ भास्कर पर आईपीसी की धारा 302 यानी हत्या, 201 यानी साक्ष्य छुपाना और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए। वहीं, तीसरे आरोपी अंकित गुप्ता पर आईपीसी की धारा 302 यानी हत्या, 201 यानी साक्ष्य छुपाना और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए थे ।
देखें क्या है पूरा मामला?
18 सितंबर 2022 की रात वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में अपनी कर्मचारी अंकिता भंडारी के गुमशुदा होने की शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की जांच काफी धीमी गति से चल रही थी। तीन दिनों के बाद अंकिता के गायब होने का मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा।
आरोप रिसॉर्ट मालिक पुलकित आर्य पर लगने लगे। विवाद बढ़ा तो धामी सरकार ने मामले की जांच नियमित पुलिस से कराने का निर्णय लिया। पुलिस की जांच में शक की सुई पुलकित की तरफ गई। पुलिस ने 22 सितंबर को पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया था।