…पुराने नींव,पुराने दीवाल पर ही पड़ गई स्टेशन की नई छत-अमृत भारत योजना स्टेशन

मोहम्मद अयूब-जिला संवाददाता सिद्वार्थनगर

…पुराने नींव,पुराने दीवाल पर ही पड़ गई स्टेशन की नई छत !
–– अमृत भारत योजना स्टेशन––
* बढ़नी स्टेशन के अपग्रेड/निर्माण कार्य में भारी अनियमितता की चर्चा
* स्टेशन पर योजनांतर्गत के कार्य, लागत आदि से संबंधित कोई बोर्ड नहीं प्रदर्शित है
* स्टेशन के नए मॉडल को प्रदर्शित किए जाने की मांग, विरोध प्रदर्शन की सुगबुगाहट



बढनी‌ पूर्वोत्तर रेलवे (लखनऊ मंडल) के गोरखपुर–सिद्धार्थनगर–गोंडा प्रखंड के अमृत स्टेशन के रूप में चयनित बढ़नी स्टेशन के अपग्रेड कार्य में भारी भ्रष्टाचार व अनियमितता किए जाने की चर्चा सुर्खरू है।पुराने दीवाल के प्लस्तर को उखाड़कर उसी पर नया प्लस्तर किए जाने,पुराने दीवाल पर ही नया छत डाल दिए जाने से लोग हतप्रभ हैं लेकिन रेलवे के संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई कदम न उठाए जाने से तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं।


गोंडा–गोरखपुर प्रखंड के नेपाल सीमा पर स्थित रेलवे स्टेशन बढ़नी का अमृत भारत योजना के तहत चयन होने के उपरांत रेलवे स्टेशन के अपग्रेडेशन का कार्य तेजी से किया जा रहा है।बताया जाता है कि रेलवे स्टेशन के स्वरूप को करीब 8 करोड़ खर्च करके कई नई सुविधाओं के साथ ही पुरानी सुविधाओं को अपग्रेड किया जाएगा। प्लेटफार्म के वाह्य आवरण को बदला जा रहा है तो कई भवनों को भी नए तरीके से बनाया जा रहा है।प्लेटफार्म दो पर भी सुविधाओ का उच्चीकरण किया जा रहा है।बताते हैं कि इस प्रखंड के ब्रॉड गेज किए जाने के समय बढ़नी स्टेशन को बौद्ध स्थापत्य कला के अनुरूप विकसित किया गया था, जिसे अब न जाने किस कारण से धराशायी कर दिया गया है।इतना ही नहीं प्लेटफार्म की लंबाई अत्यंत जरूरी होने के बावजूद उसे विस्तारित नही किए जाने से लोग दुखी हैं।

वर्तमान में स्टेशन पर हो रहे निर्माण कार्य में घोर अनियमितता किए जाने की चर्चाएं लोगों में है,जिस पर कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण न होने से चर्चाएं परवान चढ़ रही हैं और लोग सशंकित भी हैं। स्टेशन के सुविधा विस्तार एवं स्टेशन के स्वरूप को परिवर्तित किए जाने के क्रम में पुराने वाणिज्य विभाग,स्टेशन मास्टर, पूछताछ काउंटर, प्रतीक्षालय आदि भवन के छत को ढहा दिया गया लेकिन पुरानी दीवाल पर ही पुनः छत की ढलाई कर दी गई,जो लोगों के समझ से परे है। उक्त पुराने दीवाल के प्लस्तर को उखाड़कर पुनः नया प्लस्तर किया जा रहा है।इतना ही नहीं कुछ नए दीवाल जो बनाए गए हैं उसमें स्टेशन के ही पुराने ईटों की चुनाई कर दी गई है। पुराने नींव, पुरानी दीवाल पर ही छत डाल कर,उसी पर प्लस्तर करके रेलवे स्टेशन को अपग्रेड किए जाने के कार्य से बुद्धिजीवियों मे भारी आक्रोश भी है। खास बात यह है कि स्टेशन पर चल रहे निर्माण कार्य व लागत आदि से संबंधित कोई बोर्ड नहीं लगा है।स्थानीय आईओडब्लू ने इस बाबत कुछ भी बताने से इंकार कर दिया,उन्होंने बताया कि उक्त योजना के दूसरे आईओडब्लू हैं। पूर्व में बौद्ध स्थापत्य कला के अनुरूप बने रहे स्टेशन का अब नया स्वरूप क्या,कैसा होगा स्थिति अस्पष्ट है। लोगों ने स्टेशन का नया मॉडल, हो रहे निर्माण कार्य के विवरण आदि को शीघ्र प्रदर्शित किए जाने की मांग की है। साथ ही क्षेत्र के दर्जनों लोगों ने रेलवे स्टेशन पर हो रहे निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए रेलवे के शीर्ष अधिकारियों से जांच कर ठोस कार्यवाही किए जाने की मांग की है।

जिला सवाददाता- मोहम्द अयूब सिद्धार्थनगर।

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