डीजे हराम है,इसको किया जाए प्रतिबंधित: ई.शाकिरुल्लाह

गजेंद्र नाथ पांडेय

डीजे हराम है,इसको किया जाए प्रतिबंधित: ई.शाकिरुल्लाह


मुस्लिम समाज की हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में डीजे प्रयोग पर प्रतिबंध की उठी मांग

कुशीनगर।

दारुल उलूम अंजुमन इस्लामिया जामा मस्जिद पडरौना के बैनर तले अंजुमन गर्ल्स स्कूल पडरौना के सभागार में मुस्लिम समाज की आवश्यक बैठक हुई, जिसमें आगामी ईद मिलादुन्नबी की जुलूस सहित सभी अवसरों पर डीजे पर कड़ाई के साथ प्रतिबंध लगाने की पहल की गई l


बैठक को संबोधित करते हुए नाजिम इंजी. शाकिरुल्लाह अंसारी ने कहा की ईद मिलादुन्नबी की जुलूस को डीजे का प्रयोग न करते हुए शांति व आपसी भाईचारगी के साथ निकाले।डीजे शरीयतन हराम हैं, कानूनी रुप से जुर्म हैं और मेडिकल साइंस में इसे जानलेवा करार दिया गया हैं। डीजे का प्रचलन समाज में बहुत तेजी से फैल रहा हैं,इसे हर हाल में रोकने की जरुरत हैं जिसमें सभी का योगदान आवश्यक है। उन्हों ने आगे कहा कि डीजे की तेज़ आवाज़ अचानक से बढ़ता हुआ शोर दिल की धड़कन को बिगाड़ सकती है। आदमी एट्रियल फिब्रिलेशन का शिकार हो जाता है. इसकी वजह से किसी इंसान के शरीर में खून के थक्के बनने,स्ट्रोक और हार्ट फेल हो जाने की समस्याएं भी हो सकती हैं।


डीजे की तेज आवाज़ ‘सडन हार्ट अटैक’ का शिकार बना रहा हैं l आज के इस परिवेश में इसे प्रतिबंधित करना हितकारी होगा l सभी धर्म गुरुओं को इस पर गौर करना चाहिए तथा अपने-अपने क्षेत्र में सभी त्योहार एवं अन्य अवसरों पर भी डीजे पर रोकथाम में सहयोग करना चाहिए।


मौलाना अब्दुल्लाह ने कहा कि ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर हम अपने शरीयत के मुताबिक जुलूस में शामिल हों,अपने हुजूर साहब के पैगाम-ए – मुबारक को एक दूसरे तक पहुंचाएं । डीजे का प्रयोग बिलकुल भी न करें,यह हराम हैं ।


कारी जौहर ने कहा कि हम सभी लोग मिलकर समाज में बदलाव लाने की एक मुहिम चलाएं, डीजे की नुमाइश को जड़ से खत्म करें और समाज को सही रास्ते पर ले चलने की कोशिश हो।
बैठक की अध्यक्षता जिकरुल्लाह अब्बासी ने किया।


बैठक को हैदर अली राईनी,रेयाज खान आदि ने संबोधित किया।
इस अवसर पर मौलाना महाफुजुर्रहमान, कारी आफताब आलम, हाफिज असलम, मौलाना तौकीर रज़ा, हाफिज नूर अली,नूर हसन,महमूद अंसारी, कारी सेराज,इस्तेयाक अहमद,आदि लोग उपस्थित रहे।

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