डबल इंजन की सरकार में पीएम आवास का बजट यूपी से गायब ; विते वर्ष की बजट पर प्रदेश में पीएम आवास में चल रहा गृह प्रवेश का खेल – गरीब कुनबा पीएम आवास के लिए तरस रहा
पूर्वांचल बुलेटिन निष्पक्ष खबर अब तक
गजेन्द्र नाथ पांडेय
पूर्वांचल बुलेटिन निष्पक्ष खबर अब तक – हेड – यूपी
साहब आखिर कब मिलेगा गरीबों को आवास !आवास पाने को दर-दर की ठोकर खा रहे पात्र-आवास पात्र सूची में 11वें स्थान में पात्र का नाम
यूपी से लेकर केंद्र तक एक ही पार्टी की सरकार है जिसे डबल इंजन की सरकार के रूप में प्रदेश की जनता देख रही है। डबल इंजन की सरकार बनने के बाद गांव के गरीबों में विश्वास था की सरकार की सभी योजनाएं गांव के गरीबों तक जरूर पंहुचेगा ।लेकिन मंशा पर पानी फिर गया। 02 प्रदेश में सरकार बन जाने के बाद वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रदेश में पीएम आवास का बजट ही प्रदेश से गायब हो गया । जिससे प्रदेश का गरीब कुनबा पीएम आवास के लिए तरस जा रहा है।जिसका नजारा महराजगंज में देखने को मिल रहा है ।
इधर शासन के द्वारा विते वित्तीय वर्ष में लाभार्थी को मिले पीएम आवास में गृह प्रवेश व कागजी ताला चाभी देकर पीएम आवास का प्रचार प्रसार कराया जा रहा है । लेकिन जिस गरीब के पास रहने के लिए आवास नही है वह बजट के लिए राह देख रहा है ।डबल इंजन की सरकार में।
लक्ष्मीपुर ब्लाक के अधिकांश ग्राम पंचायतों के गरीब एक अदद आवास के लिए दर दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं। पात्र लाभार्थियों की पात्रता के अनुसार वरीयता क्रम सूची का निर्धारण करने की जिम्मेदारी प्रधान और सचिव की होती है। लेकिन गंवई राजनीति के चलते पात्र को इस योजना से वंचित कर दिया जा रहा है।
लक्ष्मीपुर ब्लाक में 96 ग्राम पंचायत है। सरकारी आंकड़े को नजर अंदाज कर अगर भौतिक स्थिति देखी जाए तो कुछ और ही नजारा देखने को मिल जायेगा। ग्राम पंचायत विशुनपुर कुर्थिया के टोला कहरपुरवां निवासिनी माधुरी देवी पत्नी गिरजेश सरकारी आवास के आस में वर्षों से सरकारी धन के इंतजार में गिरते-परते टीन व पन्नी टांगकर जीवन काट रहा है। माधुरी देवी का पांच सदस्यों का परिवार है। किसी तरह जीवन काट रहे हैं। जबकि सरकार के दावां का हवा निकाल दिया गया है। जबकि माधुरी देवी आवास पात्रता में सारे मानक पूर्ण कर रही है। माधुरी देवी ने कहा इस तरह छप्पर के नीचे रहना अब दुश्वार हो गया है। जब बारिश होती है तो बहुत परेशानी होती है। बारिश का पानी घर में चला आता है। छतों से पानी टपकता है। जिससे जीवनयापन करना मुश्किल हो जाता है।
आवास सूची में दर्ज अधिकतर परिवार टूटे-फूटे रिहायशी छप्पर के मकान में रहता दिख जाएंगे। कुछ पात्रों का नाम को पात्रता सूची से डिलिट कराकर गायब कर दिया गया है। इतना ही नहीं पीएम आवास वरीयता तय करने के नाम पर खेल करते हुए गांव के जिम्मेदरान बढ़िया थे नजराना मिलने पर अपात्र को लाभ देने में कोताही नहीं बरतते है। उन्हें आवास की जरूरत है लेकिन उन्हें उपेक्षित किया जा रहा है। उनकी समस्या कोई सुनने वाला नही है। आवास का लाभ कैसे मिलेगा। यह समझ से परे है।गांव, ब्लाक से लेकर जिला तक दौड़ते दौड़ते थक चुके हैं। लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
इस संदर्भ में खण्ड विकास अधिकारी लक्ष्मीपुर अमरनाथ पाण्डेय ने बताया कि पात्रों को लाभान्वित करने के लिए शासन-प्रशासन कटिबद्ध है। जब शासन द्वारा पीएम आवास के लिए बजट जारी होगा तो लाभार्थियों को मिलेगा पीएम आवास।
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