सबकी आवाज बन जिंदगी की जंग हार गए: युवा पत्रकार राहुल शुक्ला-परिजनों एवं पत्रकारों में शोक की लहर-सिद्वार्थ शुक्ला ब्यूरो

जिंदगी की जंग हार गए युवा पत्रकार राहुल शुक्ला,परिजनों एवं पत्रकारों में शोक की लहर

पूर्वांचल बुलेटिन निष्पक्ष खबर
ब्यूरो रिपोर्ट सिद्धार्थ शुक्ला बस्ती

बस्ती। जनपद के कप्तानगंज थाना क्षेत्र में 14 जुलाई (शुक्रवार) को हाइवे पर डिवाडर से टकराकर घायल हुये युवा पत्रकार राहुल शुक्ल आखिरकार जिंदगी की जंग हार गये। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उन्होने आखिरी सांस ली। इससे पहले उनके शुभचिंतकों ने उन्हे वेल्सन हॉस्पिटल में एडमिट कराया था।

हालत में कोई सुधार न होने पर कुछ विशिष्टजनों के प्रयास से उन्हे राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एडमिट कराया गया। लेकिन समाचार लिखे के कुछ मिनट पहले ही राहुल शुक्ला की मौत हो गई। पत्रकार राजकुमार पाण्डेय ने रूंधे हुये गले से इसकी पुष्टि की। आपको बता दें राहुल के इलाज में कोई कमी न रह जाये इसलिये 4 दिनों से चैरिटी हो रही थी ।


बस्ती जनपद सहित यूपी के तमाम गैर जनपदों और देश के तमाम राज्यों से सरकारी गैर सरकारी स्तर पर उन्हे आर्थिक सहयोग प्रदान किया जा रहा था। इसके लिये बाकायदा “हेल्प राहुल शुक्ला” के नाम से वाट्सएप ग्रुप संचालित किये जा रहे थे। लाखों रूपया इकट्ठा हो चुका था। इतनी बड़ी संख्या में पहली बार जनपद में सहायता देखी गयी ।वाट्सएप ग्रुप में लोग साहस बढ़ा रहे थे, इलाज में धन की कमी नही आने पायेगी।


सभी राहुल के स्वस्थ होने की कामना कर रहे थे। पत्रकारों और पत्रकार संगठनों ने इसमें बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था। समाजसेवी उमाशंकर पटवा, राजकिशोर सिंह, बृजकिशोर सिंह डिम्पल, सांसद हरीश द्विवेदी सहित तमाम शुभचिंतक उनका हाल जानने लखनऊ पहुंचे थे। दिन में करीब 3.00 बजे अचान ग्रुप में राहुल शुक्ल के निधन की खबर आने लगी।

जानकारी मिलते ही चारों ओर सन्नाटा पसर गया। ऐसा लगा जैसे बस्ती ने एक युवा पत्रकार के रूप में बहुत कुछ खो दिया। राहुल के दो छोटे बच्चे और पत्नी और पूरा परिवार हैं, उनका रो रोकर बुरा हाल है।

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