विना परमिट का सागौन पेड़ कटाने वाले कारोबारी पर कार्रवाई से भागता वन विभाग व पुलिस -कप्तानगंज थाना का मामला -सिद्वार्थ शुक्ला बस्ती ब्यूरो – purvanchalbulletin
सिद्धार्थ शुक्ला ब्यूरो बस्ती
अवैध सागौन का पेड़ काटने पर मुकदमा दर्ज
पूर्वांचल बुलेटिन निष्पक्ष खबर
ब्यूरो रिपोर्ट सिद्धार्थ शुक्ला बस्ती
– वन विभाग ने 30 अवैध सागौन का पेड़ काटने पर की बड़ी कार्यवाही, उतारा तीन लाख का जुर्माना
– मुकदमा के साथ लकड़ी ठेकेदार को देना होगा जुर्माना – ज्ञान प्रकाश गौतम
– एक पेड़ पर लगेगा 10 हजार रुपये का जुर्माना – ज्ञान प्रकाश गौतम
– कटी लकड़ी की नही हुई बरामदगी – ज्ञान प्रकाश गौतम
बस्ती। जनपद के कप्तानगंज थाना के अर्न्तगत मदनपुरा गांव में बिना परमिट सागौन के बगीचे की कटाई चल रही थी। सागौन का बगीचा कप्तानगंज थाने के पीछे है। 30 पेड़ों से अधिक अवैध सागौन के पेड़ों के कटने के बाद वन अधिकारी एवं पुलिस विभाग कुंभकर्णी नींद में मस्त थे। वन विभाग एवं पुलिस विभाग द्वारा अवैध सागौन के पेड़ काटने के मामले में कोई कार्यवाही नहीं किया गया था। सोशल मीडिया के खबर का संज्ञान लेते हुए जिला वन अधिकारी ने अवैध सागौन के पेड़ का जांच करके कार्यवाही करने का निर्देश वन क्षेत्राधिकारी कप्तानगंज को दिया था। दो दिन बीतने के बाद रेंजर कप्तानगंज ज्ञान प्रकाश गौतम ने कटे पेड़ की संख्या के आधार पर मुकदमा दर्ज कर एवं जुर्माना उतारने में लीपापोती करने में जुटे हैं। वही दूसरी तरफ लकड़ी ठेकेदार फर्जी परमिट बनवाने के फिराक में था। लेकिन लकड़ी ठेकेदार का जुगाड़ फेल हो गया और वन विभाग ने 30 अवैध सागौन के पेड़ों के काटने पर मुकदमा के साथ जुर्माना की कार्यवाही किया है। मुकदमा संख्या – 60 है। 30 अवैध सागौन का पेड़ काटने पर 3 लाख का जुर्माना लगना चाहिए। कप्तानगंज रेंजर ने बताया कि एक अवैध पेड़ काटने पर सरकार द्वारा 10 हजार रुपये जुर्माना की शुल्क निर्धारित है। बड़ी संख्या में सागौन का अवैध पेड़ काटना पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ था। कप्तानगंज रेंजर ने बताया कि कटी लकड़ी की बरामदगी नही हो पायी है लकड़ी ठेकेदार द्वारा लकड़ी काटकर कही दूसरे स्थान पर छिपा दिया गया है। और कुछ सागौन के पेड़ अभी मौके पर खड़े है। वन विभाग की कार्यवाही को देखते हुए लकड़ी ठेकेदार ने कटान बन्द करवा दिया है। इस संबध में थानाध्यक्ष कप्तानगंज रोहित उपाध्याय ने बताया कि मामला वन विभाग से संबंधित है उक्त प्रकरण में थानाध्यक्ष द्वारा वन विभाग कप्तानगंज को कार्यवाही करने के लिए सूचित किया गया है। अब देखना है कि वन विभाग द्वारा सरकार के निर्धारित जुर्माना शुल्क के अनुसार तीन लाख रुपये सरकारी खाते में वन विभाग जमा करवा पाता है कि मात्र तीन लाख रुपये जुर्माना की राशि कागजों तक ही सिमट कर रह जायेगी।