प्रदेश का युवा जुआ में हैं लिप्त ,जुआ बना परिजनों के लिए मुसीबत
शासन ने जुआ रोकने पर नहीं चलाया अभियान तो आने वाली पीढ़ी भी होगा बर्बाद
गजेन्द्र नाथ पांडेय
प्रदेश के अधिकांश गांवों के युवा इन दिनों जुआ (तास के पत्ते से पैसा हारने – जीतने का खेल) खेलने में अपना समय व पैसा बर्बाद कर रहे हैं। इन युवाओं के अभिभावक इससे काफी परेशान है। जबकि पुलिस चुप्पी साधे हुए है। हालत यह है। कि ग्राम पंचायत गजपति गांव में तीन तरह की आयु वर्ग के लोग इस खेल में लिप्त है। यहां पर दूसरे टोले से गांव में जुआ खेलने को लोग आते हैं। इसमें सबसे ज्यादा संख्या दस से बीस साल के बच्चों की है। जिन्हें गांव के मंदिर व बाग में सुबह आठ बजे से देर शाम तक इन्हें जुआ खेलते हुए देखा जा सकता है।नाम न छापने की शर्त पर कई अभिभावकों ने बताया कि थाना क्षेत्र के गजपति, सिंहपुर थरौली, देवपुर, समरधीरा चौराहा, ताल्हि, सिंहपुर अयोध्या, भगवानपुर, सहित गांवों में तो यह खेल संक्रामक रोग की तरह फैल गया है। सुबह होते ही जुए के शौकीन तय स्थान पर पहुंच तास की पत्ती फेंटना शुरू कर देते हैं। इन गावों मे सौ रुपये से लेकर हजारों मे पत्तों पर दांव आजमाए जाते हैं।नव युवक बागों व अन्य एकांत स्थानों पर जुआ खेलते है। इन स्थानों पर ऐसे भी लोग आते जाते रहते हैं। जो शराब के शौकीन होते हैं। इनके संपर्क मे आने से नवयुवक धूम्रपान के साथ ही शराब के सेवन के आदती हो रहे हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा अगर जुआ रोकने के लिए पहल नहीं किया गया तो आने वाले समय में इनकी पिढीया भी जुआड़ी बनकर परिजनो को तबाह करेंगे।इस लिए शासन के द्वारा युवाओं के भविष्य को सहेजने के लिए अभियान चलाया जाना आवश्यक है।