न्याय प्रिय समाज के लिए आगे आए , नाइंसाफी नहीं होगी -डाक्टर मंजुशैलेन्द्र दीक्षित

 न्याय प्रिय समाज के लिए आगे आए , नाइंसाफी नहीं होगी -डाक्टर मंजुशैलेन्द्र दीक्षित

पूर्वांचल बुलेटिन

अर्जुन यादव

ब्यूरो चीफ देवरिया

*बच्चों की स्कूल की फ़ीस एक बड़ा मुद्दा है लेकिन सरकार की दहशत और स्कूल प्रबंधन का डर बच्चों के मां बाप को खामोश करने में कामयाब हो रहा है लेकिन फीस के नाम की खुली लूट अब इस घुटन को क्रांति में बदल रही है, स्कूल प्रबंधन अपने यहाँ कार्यरत शिक्षकों और स्टॉफ को आधी से भी कम सैलरी दे रहा है वही इस कोरोना महामारी के दौर में बच्चों से पूरी फीस वसूल रहा है। अभिभावकों पर पूरी फ़ीस देने के साथ साथ स्मार्ट फोन, इंटरनेट का खर्चा, आंखों के डॉक्टर और आंखों की देखभाल के लिए दवाइयों के खर्चे का अतिरिक्त बोझ भी पड़ गया है। ऑनलाइन क्लास में स्कूल यूनिफार्म पहने जाने की अनिवार्यता के चलते स्कूल यूनिफार्म खरीदने और उसकी साफ सफाई का।खर्चा अलग से। एक के बाद एक बोझ से दबते जा रहे परिवारों की सीमित आमदनी में भी कटौतियां हुई है, ऐसे में आम आदमी कहा जाए, खुदकुशी करके समाज और परिवार से छुटकारा मिल सकता है लेकिन अपना ही परिवार बेघर हो जाएगा, उसके हालात और भी बदतर हो जाएंगे, ऐसे ही घुटन और स्कूल प्रबंधन की।मनमानी के खिलाफ मध्य प्रदेश की महिलाओं ने मोर्चा खोला और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के काफिले को रोक कर अपना दर्द सुनाया है।* 

*उत्तर प्रदेश की महिलाएं कभी भी पीछे नही रही है, यहां की महिलाओं में झांसी की रानी की झलक दिखती है, यही वो धरती है जहां सम्मान के लिए फूलन देवी जैसी महिलाएं हाथों में बंदूक लिए फिरती है, गुलाबी गैंग जिसके चर्चे पूरी दुनिया मे है इसी धरती पर बसती हैं, ज़ुल्मोसितम,* *दमनकारी नीतियों के खिलाफ परचम उठाने वाली उत्तर प्रदेश की महिलाएं अपने परिवार और अपने बच्चों के भविष्य के लिए कब ऐसा साहस दिखाएंगी, आखिर कब तक डर कर घुट घुट कर ज़िंदगी निभाएंगी। स्कूल प्रशासन के खिलाफ सरकार को जगाने का वक़्त आ गया है, घर से निकलने का सही वक्त आ गया है*।।

 *Sanjeev Pandey, डॉ मंजुशैलेन्द्र दीक्षित ने इस दिशा में सराहनीय कदम बढ़ाए है, आप सब मिलकर साथ आइए, न्यायप्रिय समाज मे नाइंसाफ़ी नही होगी, बस अपने हक़ के लिए आवाज़ बुलंद करनी होगी*

Leave a Comment