खबरों को लगातार चलने के बाद प्रधान के हाथ पांव फूले, महज कुछ मजदूरों की बढ़ी संख्या
आज फिर उसी मस्टररोल पर 44 की जगह मिले मात्र 15 मनरेगा मजदूर
बस्ती। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के अनुक्रम में सरकार जितना ही चाहे क्यों ना प्रयास करती रहे अपितु जिम्मेदार उतना ही अपनी जिम्मेदारियां का निर्वहन करने में लापरवाही बरतते देखे जाते हैं। विकासखंड रुधौली के ग्राम पंचायत नकहा में दूसरे दिन भी मनरेगा मजदूरी को लेकर लगातार भ्रष्टाचार जारी है। कल और आज में फर्क सिर्फ इतना है कि जहां कल तक 5 से 6 मजदूर काम करके घर चले गए थे वहीं आज 14 से 15 मजदूर कार्य करते मिले।
गांव के अन्य लोगों से पता किया गया कि साहब आज दोनों टाइम मात्र एक-एक घंटा कार्य करके घर चले गए। स्थानीय लोगों से जब मनरेगा मजदूरों के बारे में पूछताछ किया गया तो आधे से ज्यादा लोग का नाम ही नहीं था। दूसरे के नाम पर दूसरे लोग काम करते नजर आए।अगर आप लोग इसी तरह खबरों को संज्ञान में लेते रहेंगे तो मजबूरन एक दिन गरीब और मनरेगा मजदूरों को जरूर न्याय मिलेगा।
इस बारे में ग्राम प्रधान व से सचिव वार्ता करने की कोशिश की गई तो आज फोन उठाना उचित नहीं समझा। आज फिर उसी मास्टर रोल पर पुल से राम लौट के चक तक बंधा मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। खबरों को संज्ञान लेने के बात तो छोड़िए साहब कुछ चंद चाटुकार पत्रकार की बीडीओ साहब सुनते हैं और जानते हैं इन सब की खबरों से कुछ नहीं होने वाला है।
अब बड़ा सवाल यह है कि लोग समाज की सच्चाई को दिखाएं या चंद चाटुकार पत्रकारों से उलझे। खुद तो दिन रात सौ ,दो सौ से पांच रुपए तक दौड़कर अपने परिवार का खर्चा चलाते हैं वहीं दूसरे पत्रकार व उनके बैनर को बदनाम करने में लगे रहते हैं। यदि इसी तरह धरातल पर सच्चाई नहीं दिखाई जाती है तो दिन प्रतिदिन प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ को लोग कोसने में कोई कदर नहीं छोड़ेंगे। जनपद के तेज तर्रार जिलाधिकारी अंद्रा वामसी द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त कुछ सचिवों के खिलाफ कार्रवाई करके लोगों को सुधरने की मोहलत दी थी लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ।