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जिलाधिकारी ने किया मझौलीराज में गो-आश्रय स्थल का निरीक्षण, मिली कमियाँ-एसडीएम सलेमपुर के नेतृत्व में त्रिसदस्यीय जाँच दल का गठन, मंगलवार तक सौपेंगी रिपोर्ट सीबीओ को लगाई फटकार

 

*जिलाधिकारी ने किया मझौलीराज में गो-आश्रय स्थल का निरीक्षण, मिली कमियाँ-एसडीएम सलेमपुर के नेतृत्व में त्रिसदस्यीय जाँच दल का गठन, मंगलवार तक सौपेंगी रिपोर्ट सीबीओ को लगाई फटकार

पूर्वांचल बुलेटिन निष्पक्ष खबर अब तक
अर्जुन यादव 
देवरिया 

** जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज मझौली राज स्थित निराश्रित गो-आश्रय स्थल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में मिली कमियों पर इओ मझौलीराज एवं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई। डीएम ने एसडीएम सलेमपुर की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय जाँच दल का गठन किया है, जो गो-आश्रय स्थल से जुड़ी कमियों पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

     जिलाधिकारी आज पूर्वाह्न में अचानक मझौलीराज स्थित गो-आश्रय स्थल का निरीक्षण करने पहुँचे। उन्होंने गो-आश्रय स्थल में मानक विहीन निर्माण देखकर गहरी नाराजगी व्यक्त की। डीएम ने खड़ंजे के निर्माण में प्रयुक्त दोयम दर्जे के ईंट और घटिया प्लास्टर कार्य पर इओ पंकज कुमार को फटकार लगाई। नाली में प्रयुक्त सामग्री भी प्रथम दृष्टया घटिया क्वालिटी की मिली। डीएम ने पशुओं को छाया देने के लिए लगे एजबेस्टस शीट पर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि एजबेस्टस शीट के प्रयोग पर रोक लगी हुई है। इओ ने बताया कि कार्यदायी संस्था सीएनडीएस को इस प्रोजेक्ट पर 72 लाख रुपये का भुगतान नगर पंचायत द्वारा किया गया है।

      जिलाधिकारी ने मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी पीएन सिंह को भी परियोजना की सही ढंग से मॉनिटरिंग न करने पर फटकार लगाई। जिलाधिकारी ने एसडीएम सलेमपुर गूँजन द्विवेदी, अधिशासी अभियंता सिंचाई दुर्गेश गर्ग और अधिशासी अभियंता आरईएस अबरार अहमद की त्रिसदस्यीय जाँच दल का गठन किया है। यह समिति मंगलवार तक रिपोर्ट सौपेंगी, जिसके बाद आगे की कार्यवाही शुरू की जाएगी।

      जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी धन की बर्बादी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार की नीति भ्रष्टाचार के विरुद्ध ज़ीरो टॉलरेंस की है। यदि जाँच में किसी भी तरह की अनियमितता सामने आती है तो नियमानुसार सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

*बॉक्स संख्या 1*

*गोवंश को हरा चारा न मिलने पर जतायी नाराज़गी, इओ का वेतन रोका*

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने गो आश्रय स्थल की निरीक्षण के दौरान गोवंश को मिलने वाले चारे का निरीक्षण किया। नाद में सिर्फ सूखा चारा दिखा, जिस पर डीएम ने असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने इसकी जवाबदेही तय करते हुए इओ का वेतन रोकने का निर्देश दिया। डीएम ने कहा कि गोवंशों को हरा चारा, गुड़, चोकर, खली और नमक मिलना चाहिए।

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