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विना रजिस्ट्रेशन का रानीपुर में चलाने अस्पताल वाला जयंत यादव,पल भर में छीन लिया मां का ममता-नही रूक रहा घर के लोगों का आंसू-क्या बाबा का दौड़ेगा जंयत यादव के घर पर बुलडोजर?

महराजगंज -गजेन्द्र नाथ पांडेय

महराजगंज जनपद में विना रजिस्ट्रेशन का अस्पताल चलाने का खेल विभागीय अधिकारियों के लापरवाही से चल रहा है । अस्पताल संचालक फर्जी डॉक्टर बन गरीबो का रूपया चूसने के साथ ही यमराज का भी काम कर रहे हैं।जब मामला फंसता है तो ताला बंद कर फरार हो जाते हैं ।उसके बाद दूसरे शहर व कस्बा में अपना ताम झाम फैलाते हैं ।

जिसका नजारा पुरंदरपुर थाना के रानीपुर चौराहा पर देखने को मिला।जयंत यादव नामक एक ब्यक्ति अल्फा अस्पताल विना रजिस्ट्रेशन के ही लगभग आठ माह से चला रहा था। स्वास्थ्य विभाग मौन पड़ा था।अभी जनपद में तमाम अस्पताल विना रजिस्ट्रेशन के चला रहे हैं ।जो नीम-हकीम खतरे जान साबित हो रहे हैं।

इसी तरह का मामला पुरंदरपुर निवासी चंद्रेश गुप्ता के घर आए नन्हे मेहमान जो आंगन में किलकारी मारकर खेलता मां सहित परिजनों के चेहरे पर हमेशा खुशियो से चेहरा खिला रहता ।पल भर में जयंत यादव ने अल्फा अस्पताल रानीपुर में चंद रूपए में मां के आंचल का ममता छीन कर फरार हो गया।

जब की नन्हे विमार बच्चों का इलाज सभी डॉक्टर्स नहीं करते सीधे जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज भेजते हैं । लेकिन रूपए के लालच में जंयत यादव ने शुक्रवार को चंद्रेश गुप्ता के घर आए सही सलामत नन्हे मेहमान को अल्फा अस्पताल पर स्वयं डाक्टर बन इलाज के लिए रोक लिया।आखिर इलाज में लापरवाही के कारण नन्हे मेहमान को हमेशा के लिए मौत के नींद सुलाकर बाइक से भाग गया।यहां तक की परिजनों को भी नहीं बताया। परिजनों को जब संदेह हुआ जयंत यादव को बाइक से एकाएक जाते हुए तो देखा नन्हा मेहमान नहीं है।

परिजन पुलिस में सूचना दिए पुलिस ने नन्हे मेहमान का पीएम कराया जयंत यादव सहित एएनएम पर केस दर्ज कर जयंत यादव की तलाश शुरू कर दिया है । लेकिन पुलिस हत्थे अभी नहीं लग रहा है ।

जयंत यादव एक वर्ष पूर्व कोल्हुई थाना के लक्ष्मीपुर कैथवलिया गांव में तिलक हास्पिटल के नाम से अस्पताल चला रहा था। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अस्पताल पर कार्रवाई किया गया था।वहां से भागकर जयंत यादव ने रानीपुर चौराहा पर अल्फा अस्पताल खोले दिया।जहां पर नन्हे मेहमान की इलाज के दौरान मौत हो गई।

बाबा का बुलडोजर यहां भी चलना चाहिए। जिससे किसी अस्पताल संचालक के द्वारा नन्हे मेहमान को मौत के नींद न बुलाया जाए।और यह जयंत विना रजिस्ट्रेशन के ही अस्पताल चला रहा था। जयंत यादव के घर अगर बाबा का बुलडोजर चल गया तो फर्जी तरीके से चलाने वाले अस्पताल बंद कर देंगे।

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