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बच्चों को प्रार्थना सभा में बताएं फाइलेरिया रोधी दवा का महत्व-सीएमओ

*बच्चों को प्रार्थना सभा में बताएं फाइलेरिया रोधी दवा का महत्व-सीएमओ*

*एमडीए अभियान की सफलता के लिए सीएमओ ने प्रधानाचार्यों के साथ की बैठक*

*फाइलेरिया से बचाव के लिए 10 अगस्त से चलेगा एमडीए अभियान*

*लाइलाज है फाइलेरिया, दवा सेवन और मच्छरों से बचाव ही है उपाय*

*देवरिया(सू0वि0) 02 अगस्त।* फाइलेरिया बीमारी से बचाव के लिए 10 अगस्त से प्रस्तावित फाइलेरिया के सर्वजन दवा सेवन (एमडीएम) अभियान की सफलता के लिए सीएमओ डॉ राजेश झा ने शुक्रवार को सीएमओ कार्यालय में विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के साथ बैठक किया। बैठक में फाइलेरिया बीमारी से बचाव के लिए खिलाई जाने वाली दवा की महत्ता के प्रति जन जागरूकता के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित कर भागीदारी निभाने की जिम्मेदारी दी गई।
           सीएमओ डॉ राजेश झा ने प्रधानाचार्यों से अपील किया कि विद्यालयों में फाइलेरिया से बचाव के लिए बच्चों में जागरूकता किया जाए। इसके लिए सुबह की प्रार्थना सभा में शपथ दिलाई जाए। प्रत्येक कक्षा में फाइलेरिया एमडीएम अभियान की तिथि लिखने के साथ प्रत्येक कक्षा में फाइलेरिया एक सत्र चलाया जाए। जिसमे फाइलेरिया क्या है, इसके क्या लक्षण हैं, बचाव क्या है, रोग प्रबंधन क्या है आदि के बारे में बताया जाए। जिससे वह घर व आसपास के लोगों को इस बीमारी के बारे जागरूक कर सकें। विद्यालयों में रैली, निबंध प्रतियोगिता, चित्र लेखन आदि की गतिविधियां की जाएं। उन्होंने कहा कि अभिभावक बैठकों में बच्चों के माता पिता को भी फाइलेरिया से बचाव की दवा के सेवन करने व अन्य लोगों को सेवन कराने के लिए जागरूक किया जाए। सीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया जिसे हाथीपांव के नाम से भी जानते हैं एक लाइलाज बीमारी है । इसके संक्रमण से लिम्फोडिमा (हाथ, पैर, स्तन में सूजन) और हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) हो जाता है। प्रबंधन के जरिये लिम्फोडिमा को नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है । इस बीमारी से बचाव के लिए पांच साल तक लगातार साल में एक बार फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन आवश्यक है। बीमारी से बचाव के लिए दवा के सेवन और इसका संक्रमण फैलाने वाले मच्छरों से बचाव आवश्यक है। 10 अगस्त से 2 सितम्बर तक एमडीए अभियान चलाया जाएगा।
          वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल अधिकारी डॉ हरेंद्र कुमार ने कहा कि  दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को ( गर्भवती और अति गंभीर बीमार लोगों को छोड़ कर) फाइलेरिया से बचाव की दोनों दवाएं खिलानी हैं।  अभियान 10 अगस्त से 2 सितम्बर तक सोमवार, मंगलवार, गुरूवार और शुक्रवार को चलेगा । किसी को भी खाली पेट दवा नहीं खिलाई जाएगी। इसी वजह से अभियान का समय सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक रखा गया है ।
         जिला मलेरिया मलेरिया अधिकारी चंद्रप्रकाश मिश्रा ने कहा कि अभियान के लिए बनाई गई प्रत्येक टीम प्रतिदिन 25 घरों का विजिट कर कम से कम 125 लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाएगी । दवा सेवन कराने के पश्चात दायें हाथ की अंगुली पर मार्कर से निशान भी लगाया जाएगा। जिले में 32 लाख की अबादी को दवा खिलाने का लक्ष्य है और इसके लिए करीब 3हजार टीम बनाई गई हैं । प्रत्येक दिन खिलाई गई दवा का विवरण ई कवच पोर्टल पर फीड करना अनिवार्य है।
            बैठक में पीसीआई संस्था स्टेट प्रोग्राम मैनेजर डॉ अनुराधा, सहायक मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि, सीफार संस्था के जिला समन्यवक नीरज, पाथ संस्था के जिला समन्यवक देशदीपक सिंह पीसीआई संस्था के जिला, समन्यवक दिव्य प्रकाश शुक्ला सहित विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य मौजूद रहे ।
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