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परिवार नहीं हैं सजा से संतुष्ट:फांसी की गुहार लेकर जायेगा हाईकोर्ट,संतान की चाह में 7 साल की बच्ची को अगवाकर कर रेप के बाद कलेजा निकाल खाने वाले 4 वहशियों को मिली उम्रकैद-पीड़ित परिजन ने मांगी थी फांसी

यूपी कानपुर देहात का मामला

गजेन्द्र नाथ पांडेय-पूर्वांचल निष्पक्ष खबर अब तक


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संतान की चाह मे 7 साल की बच्ची को अगवा कर रेप के बाद उसका कलेजा निकालकर खाने वाले 4 वहशियों को मिली उम्र कैद

परिवार नहीं हैं सजा से संतुष्ट, फांसी की गुहार लेकर जायेगा हाईकोर्ट



UP : कानपुर देहात में 3 साल पहले बच्ची को अगवा कर रेप, हत्या फिर उसका कलेजा खाने के मामले में कोर्ट ने दंपति समेत चार क़ातिल वहशियों को उम्र कैद की सजा सुनाई हैं। एक 7 साल की बच्ची को गांव के ही दंपत्ति परशुराम और सुनैना ने अपने भतीजे अंकुल और वीरन के साथ मिलकर अगवा कर लिया था।बच्ची से रेप कर हत्या कर दी गई। फिर उसके कलेजे को दंपत्ति ने खा लिया था. क्योंकि परशुराम की शादी के 18 साल हो गए थे और उन्हें कोई बच्चा नहीं था।आरोपी को किसी तांत्रिक ने बताया था कि वह एक बच्चे का कलेजा निकालकर खा ले तो, उन्हें संतान प्राप्ति होगी। इसी के चलते इस घटना को अंजाम दिया गया था।



14/11/2020 यानि वह दीपावली का दिन था.. मासूम बच्ची पटाखे लेने के लिए गांव की ही दुकान में गई थी। वहीं से गायब हो गई थी दूसरे दिन उसका शव क्षत विक्षत अवस्था में खेत में पड़ा मिला था। पुलिस की छानबीन में जो बात सामने निकल कर आई थी उससे हड़कंप मच गया था।



चाचा-चाची ने दिया था अंजाम…

बच्ची की पारिवारिक चाचा परशुराम उनकी पत्नी ने संतान-सुख के लिए तांत्रिकों की बातों में आकर बच्ची को मरवा दिया था और बच्ची का कलेजा बनाकर खुद चाचा-चाची ने खा लिया था, क्योंकि तांत्रिकों ने उन्हें बताया था कि अगर आप बच्ची का कलेजा खाते हैं तो आपको संतान सुख की प्राप्ति हो सकेगी।



लीवर, फेफड़े, कलेजा निकाला था..
घटना की वीभत्सता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसका प्राइवेट पार्ट बुरी तरह क्षतिग्रस्त था, जिससे साफ है कि उसके साथ दरिंदगी की हदें पार की गईं। वहीं उसका लीवर, फेफड़े, कलेजा निकाल लिया। उसे दंपति को सौंपा जिसे दोनों ने संतान सुख प्राप्ति के लिए खाया।



पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पढ़कर रोए थे एडीजी..
कोर्ट में इन तथ्यों को रखते हुए एडीजीपी प्रदीप पांडेय के आंखों में आंसू आ गए थे । कोर्ट के समक्ष रोकर उन्होंने इसे दुर्लभतम श्रेणी का अपराध बताते हुए चारों आरोपियों को मृत्यु दंड दिए जाने की मांग की थी। मगर उनकी मांग पूरी नहीं हो पाई। अदालत ने परशुराम और उसकी पत्नि सुनैना के साथ भतीजे अंकुल और वीरन को भी उम्र कैद की सजा सुनाई हैं।
परिवार सजा से संतुष्ट नहीं हैं , अब परिवार फांसी की गुहार लेकर हाईकोर्ट का रूख करेगा।

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