भूमि भवन है नहीं फिर भी संचालित हो रहा मदरसा सरकार की मंशा पर फेर रहा पानी
दूसरे की जमीन पर विधायक एवं सांसद निधि निकाला,
दो दो बाइलाज से हो रहा संचालित
एक तरफ जहाँ सरकार पूरी तरह जीरो टोलरेंस की नीति का पालन कर ही है वहीं नौतनवा तहसील के बैरवा बनकटवा में स्थित मदरसा दारुल ओलूम गौसिया पूरे तंत्र को खुलल्म खुल्ला चैलेन्ज करता हुआ दिख रहा है ।
जहां न कोई भूमि है मदरसे के नाम और न भवन है जो भूमि दिखायी जा रही है। वह सरकारी भूमि और काश्तकारों के नाम दर्ज है यही नहीं सांसद निधि विधायक निधि एवं स्थानीय निधि से लाखों रुपये का अनुदान भी ले लिया और कोई भवन भी नहीं बनाया जो क्षेत्र में चर्चा का विषय है ।
दर्जनों प्रार्थना पत्र इस मदरसे के खिलाफ पड़ चुके हैं जिसमे प्रशासन की हीला हवाली से मामला ठंढे बसते में चला जाता है । इसी कड़ी में विधान परिषद सदस्य देवेन्द्र सिंह के प्रतिनिधि सत्यसेन सिंह उर्फ़ गुड्डू सिंह ने एक प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी महोदय को दिया है!
जिसमे भूमि और भवन के जाँच की मांग की है और निधियों के रिकवरी तथा दो दो बाइलाजों की सत्यता के लिए उच्च स्तरीय टीम गठित कर जाँच कराने और दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने की मांग की है ।
सत्यसेन सिंह ने बताया कि कई बार सम्पूर्ण समाधान दिवस में मामले को दिया गया लेकिन अबतक आशानुरूप कदम नहीं उठाए गए । प्रश्न उठता है कि आखिर किसकी शह पर उक्त मदरसा फर्जी अभिलेखों के सहारे चल रहा है कौन है ?
इसके पीछे क्या कोई विदेशी शक्ति भी फंडिंग कर रही है इसतरह की चर्चाएं क्षेत्र में चल रही हैं ।बताते चलें कि मदरसा दारुल ओलूम गौसिया को सपा सरकार में अवैध तरीके से अनुदान दिया गया जबकि उसके पास न भूमि है न भवन और अब बच्चे भी नदारद हैं ऐसे में यदि उच्च स्तरीय जाँच होती है तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा ।