अजय उपाध्याय-ब्यूरो सिद्धार्थनगर-पूर्वांचल बुलेटिन निष्पक्ष खबर अब तक
*भाजपा राज में बेलगाम हुए अफसर*
एक तरफ सरकार 7 वर्ष के सुशासन पर महासंम्पर्क अभियान चलाकर सुशासन का ढिढोरा पीट रही। दूसरी तरफ जनता नाराज है कि इस सरकार में अफसर बेलगाम हैं। हालत यह है कि सासंद और विधायक की बात नहीं सुनी जा रही है। तो आम जनता की आवाज कौन सुनेगा। भाजपा सरकार एक तरफ ढिंढोरा पीट रही है कि जनता को राशन फ्री दिया जा रहा है वही तहसील में बैठे पूर्तिनिरीक्षक रजिस्टर सत्यापित करने के नाम पर पंचास रूपये प्रति कुंन्तल ले रहे हैं।
वही इस नेक कार्य को अजाम देने के लिए खेसरहा में तीन मुन्सी लगाये गये हैं जो इस कार्य को बखूबी निभाते हैं। इस कार्य को करने के लिए सभी का क्षेत्र बटा हुआ है सकारपार से मरवटिया नहर तक बृजभूषण मिश्रा का कार्य क्षेत्र है। तो वही मरवटिया से लेकर बनकेगांव तक मूजडीह पवन गौतम का कार्य क्षेत्र है वही घुसियारी पूरा शिवशंकर गुप्ता का कार्य क्षेत्र है।
आपको बताते चले बांसी पूर्ति विभाग कि जिम्मेदारी खेसरहा ब्लाक के बकैनिया कोटेदार बखूबी निभा रहे हैं बिभाग का डिजटल प्रिन्स पान्डेय के पास गिरवी पड़ा है। वही डिजटल सहित राशनकार्ड बनाने काटने कि जिम्मेदारी बड़ी ही बारीकी से निभाते है प्रिन्स पान्डेय। आज इसी बारीकी के कारण बिना बैठक कराये सभी कायदे कानून को ताख पर रखकर पूर्ति बिभाग बकैनिया ग्राम पंचायत का कोटेदार प्रिन्स पान्डेय को नियुक्त कर दिया।
शीतलगंज में सचालित जय माता दी सी एस सी केन्द्र पर प्रिन्स पान्डेय केवल अवैध वसूली करते हैं। आये दिन पूर्ति विभाग कि गाड़ी आपको खडी़ मिलेगी। वही कोटेदार परेशान होकर सरकार की मंशा के विपरीत राशन का वितरण कर रहे है। अधिकांश राशन दुकानदारों का तौल इलेक्ट्रिक कांटा में सेटिंग करा दिये है और पचास किलो में कम से कम पाँच से सात किलो घटतौली कर रहे हैं । शिकायत के बाद कार्यवाही नही होने से कोटेदारों के हौसले बुलंद है।इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है ।
कटौती की शिकायत ग्रामीणों ने अधिकारियों से करने को कहा तो कोटेदार कहते है इसीलिए रजिस्टर लिखाई के नाम पर पैसा देते हैं मेरे विरुद्ध शिकायत करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा बल्कि उसका खामियाजा तुम सबको भुगतना पड़ेगा। कोटेदार की धमकी भरा अंदाज राशनकार्ड धारकों में भय पैदा कर दिया हैं वही कोटेदार घटतौली भी करता है। कार्ड धारकों के साथ दबंगई भी करता है जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।
खेसरहा पूर्ति निरीक्षक से दूरभाष पर संपर्क किया गया लेकिन साहब को फोन रिसीव करने का समय नहीं है ऐसे स्थिति में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है साहब को फोन रिसीव करने का समय नहीं है तो कार्यवाही करने का समय कहा होगी ।